Bastar News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर (Bastar) में नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की आक्रामक लड़ाई जारी है. पुलिस के जवान अब ड्रोन की मदद से नक्सलियों के ठिकाने पर बमबारी कर रहे हैं. खुद नक्सलियों ने प्रेस रिलीज जारी कर इसकी पुष्टि की है. दरअसल पिछले कुछ महीनों से नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बल ने ऑपरेशन तेज कर दिया है. इस ऑपरेशन में हाईटेक तरीके से नक्सलियों पर हमले किए जा रहे हैं. वहीं ड्रोन की मदद से भी नक्सलियों के ठिकाने पर बमबारी की जा रही है.

 

दरअसल छत्तीसगढ़ के बीजापुर और सुकमा के इलाके में 14-15 अप्रैल के दरमियानी रात सीआरपीएफ ने बड़े पैमाने पर एक नक्सल विरोधी अभियान को अंजाम दिया है. बताया जा रहा है कि नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने अत्याधुनिक ड्रोन्स का इस्तेमाल किया है. इन ड्रोन्स की मदद से एंटी नक्सल ऑपरेशन शुरू और समाप्त किया गया. इसका इस्तेमाल पुलिस के जवानों ने हथियार के रूप में किया और नक्सलियों के ठिकाने पर बमबारी की.

 

40 दिनों से चल रही थी हमले की तैयारी

 

पुलिस के अधिकारियों का दावा है कि इस ऑपरेशन के लिए पहले ही सुरक्षा बलों ने तैयारी कर रखी थी. करीब पिछले 40 दिनों से इस बड़े हमले की तैयारी चल रही थी, जिसके बाद 14-15 अप्रैल की रात बड़े नक्सली लीडर की मौजूदगी पर इस बड़े ऑपरेशन को पुलिस ने अंजाम दिया. बताया जा रहा है कि ड्रोन्स से किए गए हमले में नक्सलियों को भारी नुकसान हुआ है. इस ऑपरेशन के पूरे होने के बाद सीआरपीएफ के वरिष्ठ अधिकारी छत्तीसगढ़ आए और सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है कि नक्सले बड़े पैमाने पर हताहत हुए हैं.

 

अभी जिंदा है मोस्ट वांटेड नक्सली माडवी हिड़मा

 

हालांकि सुरक्षा एजेंसी ने बताया है कि मोस्ट वांटेड नक्सली माडवी हिड़मा अभी जिंदा है. सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक नक्सलियों के ठिकानों पर सुरक्षाबलों ने आक्रामक तरीके से हमला किया और पूरे इलाके में बमबारी की गई. यह भी जानकारी मिल रही है कि इस एंटी नक्सल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देने के लिए कई सुरक्षा एजेंसियां एक साथ काम कर रही थीं और सीधे केंद्रीय मंत्रालय इसकी निगरानी कर रहा था.

 

सुरक्षा बलों को रखा गया हाई अलर्ट पर

 

इस बीच कहा जा रहा है कि अब नक्सलियों के खिलाफ एंटी नक्सल ऑपरेशन तेज की जाएगी. सीआरपीएफ और स्थानीय पुलिस बलों ने ग्राउंड लेवल पर ऑपरेशन तेज कर दिया है और बड़ी संख्या में कैंपर भी खोले जा रहे हैं, जहां लगातार जवानों की तैनाती भी की जा रही है. हालांकि हमले के बाद बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात सुरक्षा बलों को हाई अलर्ट पर रखा गया है. गृह मंत्रालय और सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि इस ऑपरेशन में नक्सलियों को भारी नुकसान हुआ है और वे जवाबी कार्रवाई कर सकते हैं. इसके लिए जवानों को पहले ही तैयारी रहने को कहा गया है.

 

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