Korea News: छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के धान खरीदी केंद्रों से समय पर धान का उठाव नहीं होने के कारण खुले में रखे धान बारिश में भींग कर अंकुरित होने लगे हैं, जिसके कारण शासन को लाखों रुपये का नुकसान हुआ है. आज शनिवार (2 मार्च) को भी जिले के सभी धान खरीदी केंद्रों में डीओ (Dispatch Order) नहीं कटने के कारण सभी केंद्रों में धान भगवान भरोसे पड़े हुए हैं. वहीं गत 28 फरवरी और इसे पहले भी क्षेत्र में जमकर बारिश हुई थी और समिति प्रबंधकों की तरफ से सही तरीके से धान को नहीं ढकने के कारण धान बारिश में भींग गये. अब भींगे हुए धान खराब होने लगे हैं. कई ऐसे धान खरीदी केंद्र हैं, जहां पर खुले में रखे धान अंकुरित होकर बाहर निकल गये हैं.  


इसी तरह जनपद पंचायत बैकुंठपुर अंतर्गत आदिम जाति सेवा सहकारी समिति मर्यादित सलबा के धान खरीदी केंद्र में समिति प्रबंधक और कर्मचारियों की लापरवाही के कारण यहां रखे भारी मात्रा में धान अंकुरित हो गये हैं. वहीं अब तक सलबा धान खरीदी केंद्र से 31320 क्विंटल धान का उठाव हो चुका है. वहीं 24926 क्विंटल धान का उठाव अब भी बाकी है. कोरिया जिले में 22 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से किसानों के धान समर्थन मूल्य पर सरकार की तरफ से लिया गया है.


लापरवाही की वजह से धान खराब 


छत्तीसगढ़ सरकार ने 1 नवंबर 2023 से विभिन्न धान खरीदी केंद्रों के माध्यम से किसानों से धान क्रय किये थे और धान खरीदी का सिलसिला 4 फरवरी तक जारी रहा. लगभग एक माह बीत जाने के बाद भी आज तक धान का उठाव नहीं हो सका है. शासन की तरफ से समर्थन मूल्य पर किसानों से धान क्रय करती है. इसके बाद इन धानों को मिलर को देती है, जिसके बाद मिलर धान को चावल में बदल कर सोसायटी तक पहुंचाते हैं, लेकिन अब अंकुरित धान को मिलर लेने से इंकार कर देंगे, जिसके कारण धान समिति में ही रखा रह जाएगा और ज्यादा खराब हो जायेगा. ऐसे में इस धान का क्या होगा और इसकी भरपाई कैसे होगी यह देखने वाली बात होगी.


जानकारी देने से बच रहे अधिकारी


जिले में धान खरीदी केंद्रों से समय पर धान उठाव नहीं होने से  और बारिश से सुरक्षा को ध्यान न देने के कारण अनेक क्विंटल धान के अंकुरित हो जाने से संबंधित जानकारी देने से अधिकारी बच रहे हैं. इस संबंध में जिला विज्ञान अधिकारी से जब संपर्क करने के लिए उनके दूरभाष पर कॉल किया गया तो उन्होंने कॉल रिसीव नहीं किया. धान खरीदी केंद्र सलबा में अंकुरित होकर खराब हुए धान की भरपाई अब कैसे जिला प्रशासन करेगा? समिति के कर्मचारियों और प्रबंधन की लापरवाही के कारण भारी मात्रा में यहां पर धान अंकुरित होकर खराब हो गये हैं. यदि समय-समय पर धान के रखरखाव में ध्यान दिया जाता तो शायद आज यह नौबत नहीं आती.


धान उठाव की गति धीमी


धान खरीदी के शुरूआती दिनों में धान का उठाव जोर शोर से किया जा रहा था. इस दौरान कोरिया जिले में संचालित राइस मिलो के डीओ नहीं कटने के कारण कोरिया जिले के धान को बलरामपुर, रामानुजगंज सहित आसपास के क्षेत्र में संचालित राइस मिल में भेजा जा रहा था. इसके बाद धान उठाव में ब्रेकर लग गया और धान का उठाव होना बंद हो गया. फिर कुछ दिन के बाद कोरिया जिले के मिलर सोसायटी से धान का उठाव करने लगे लेकिन फिर एकाएक कोरिया जिले के मिलरों का डीओ कटना बंद हो गया. जिसके कारण धान उठाव की प्रक्रिया थम गई.


ये भी पढ़ें: Jagdalpur News: जगदलपुर नगर निगम बना राजनीति का अखाड़ा, बजट और अविश्वास प्रस्ताव पर एक ही दिन की जाएगी वोटिंग