Bastar News: केंद्र सरकार के ‘हिट एंड रन’ के कानून के विरोध में बस्तर में भी ट्रक यूनियन ने हल्ला बोल दिया है और इस कानून को वापस लेने की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है. एशिया की सबसे बड़े ट्रक यूनियन बस्तर परिवहन संघ और बाकि ट्रक यूनियन ने इस कानून के विरोध में देशव्यापी हड़ताल का समर्थन किया है. जिसके चलते सुबह से ही सभी ट्रक यूनियन के सदस्य धरने पर बैठ गए हैं. इसके अलावा निजी बस संचालकों का भी इस धरना प्रदर्शन को समर्थन मिलने से यात्री बसों के पहिए भी थम गए है और राजधानी रायपुर से लेकर अंदरूनी इलाकों में चलने वाली सभी यात्री बसों की परिचालन रुक गयी है.
धरने पर बैठे ट्रक यूनियन के सदस्यों, ड्राइवर संघ और निजी बस संचालकों का कहना है कि केंद्र सरकार के काले कानून से वाहन चालकों की जिंदगी बर्बाद हो जाएगी. जिस तरह का कानून केंद्र सरकार द्वारा लाया जा रहा है उस कानून से वाहन चालकों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. ऐसे में वे चाहते हैं कि जल्द से जल्द केंद्र सरकार इस कानून को वापस ले. इधर बस एसोसिएशन, ट्रक यूनियन के इस कानून को लेकर हड़ताल करने की वजह से बस्तर में पेट्रोल की भारी किल्लत देखने को मिल रही है. बस्तर के अधिकांश पेट्रोल पंप में पेट्रोल और डीजल खत्म हो चुके हैं. पेट्रोल डीजल टैंकर की वाहन बस्तर तक नहीं पहुंचने की वजह से आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बताया जा रहा है कि आने वाले तीन दिनों तक यह हड़ताल जारी रहेगा. ऐसे में हड़ताल के पहले ही दिन से बस्तर वासियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
ट्रकों के साथ यात्री बसों के भी पहिये थमे
बस्तर परिवहन संघ के पूर्व सचिव राजीव शर्मा का कहना है कि केंद्र सरकार के हिट एंड रन के कानून से वाहन चालकों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है. इस तरह के कानून से वाहन चालकों की जिंदगी बर्बाद हो सकती है. ट्रक, बस या किसी भी वाहन से दुर्घटना होने पर ड्राइवर के खिलाफ नए कानून के तहत 10 साल की सजा निर्धारित की गई है जो सरासर गलत है. कई बार वाहन चालकों की गलती नहीं होती बावजूद इसके इस कानून को लागू करने से वाहन चालकों की जिंदगी बर्बाद हो जाएगी. ऐसे में वह चाहते हैं कि केंद्र सरकार को जल्द से जल्द इस काले कानून को वापस लेना चाहिए. वही निजी बस संचालक के अध्यक्ष भूपेंद्र चौहान का कहना है कि यात्री बसों के ड्राइवर भी दिन-रात वाहन चलाते हैं ऐसे में इस कानून से बस वाहन चालकों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. ऐसे में इस कानून के विरोध में बस्तर निजी बस संचालक भी इसका विरोध कर रहे है.
पेट्रोल को लेकर हो रही किल्लत
इधर इस हड़ताल से सबसे ज्यादा बस्तर में पेट्रोल की किल्लत देखने को मिल रही है. बस्तर के अधिकांश पेट्रोल पंप में पेट्रोल नही होने से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. बताया जा रहा है कि इस हड़ताल की वजह से पेट्रोल टैंकर बस्तर तक नही पॅहुच पा रही हैं जिसके चलते कुछ पेट्रोल पंप में केवल 2 लीटर ही पेट्रोल बेचा जा रहा है. पेट्रोल पंप के मालिकों का कहना है कि पेट्रोल का ट्रांसपोर्ट बंद होने से इस तरह की किल्लत सामने आ रही है. अगर अगले दो दिनों तक हड़ताल जारी रहता है तो आमजनो के साथ व्यापारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. पेट्रोल के अलावा जरूरी सामानों के ट्रांसपोर्ट में भी इस हड़ताल का फर्क पड़ सकता है.
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