Surguja News: सरगुजा जिले के मैनपाट वन परिक्षेत्र (Mainpat Forest Range) में एक महीने बाद फिर हाथियों ने दस्तक दी है. रविवार की रात 10 हाथियों के दल ने जमकर उत्पात मचाया. एक मकान को क्षतिग्रस्त कर दिया और फसलों को नुकसान पहुंचाया. दर्जन से ज्यादा ग्रामीणों की फसलों को हाथियों ने पैरों तले रौंद दिया.
दरअसल छत्तीसगढ़ का शिमला कहा जाने वाला मैनपाट इलाका कई वर्षों से हाथियों के आतंक का गवाह रहा है. मैनपाट वन परिक्षेत्र सरगुजा जिले का सरहदी इलाका भी है. हाथी पड़ोसी जिले रायगढ़ के कापू रेंज से मैनपाट इलाके में घुस आते हैं और रात भर उत्पात मचाने के बाद वापस जंगल की ओर लौट जाते हैं. हाथियों से निपटने के लिए वन विभाग कई योजना बनाता है. लेकिन अब तक कोई प्लान सफल नहीं हो सका है. हाथियों का झुंड मकान और फसलों को लगातार नुकसान पहुंचाते रहे हैं और वन विभाग मुआवजा प्रकरण तैयार कर खानापूर्ति करने में जुटा है.
10 हाथियों के झुंड ने मचाया आतंक
मैनपाट इलाके में आज से एक महीने पहले 15 हाथियों के दल ने आतंक मचा रखा था. हाथियों के हमले में दो ग्रामीणों की मौत और 20 से मकानों को नुकसान हुआ. कुछ दिनों बाद हाथियों का दल जशपुर की ओर बढ़ गया. तब तक मैनपाट का माहौल शांत रहा. लेकिन रविवार की रात 10 हाथियों के दल ने धमक देकर लोगों में फिर से दहशत फैला दी है. ग्राम ललेया में मोहन यादव के घर को तोड़ दिया और दर्जनों खेतों की फसलों को को रौंद दिया. हाथियों के अचानक क्षेत्र में आ जाने से एक बार फिर बस्ती वासी रतजगा करने पर मजबूर हैं.
वन विभाग की टीम नजर बनाए हुए है
मैनपाट वन परिक्षेत्र के रेंजर फेंकू प्रसाद चौबे ने बताया कि 10 हाथियों का दल आया है. बीती रात एक मकान को क्षतिग्रस्त कर दिया और फसलों को नुकसान पहुंचाया. हाथी झिमगा, झरिया, कचिरा तरफ से आए थे. अभी जिधर से आए थे उधर ही चले गए हैं. हाथियों के मूवमेंट पर वन विभाग की टीम नजर बनाई हुई है. गौरतलब है कि चंद दिन पहले उदयपुर में भी 11 हाथियों के झुंड ने जमकर उत्पात मचाया है. दो दर्जन के करीब मकान को तोड़कर तहस नहस कर दिया. अब उदयपुर इलाके के बाद मैनपाट क्षेत्र में हाथियों की दहशत ने लोगों की नींद उड़ा दी है.