Korba News: आमतौर पर लोग शादी विवाह में पहुंचे मेहमानों को रिटर्न गिफ्ट में मिठाई, कपड़े और बर्तन देते हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ के कोरबा शहर में एक ऐसा परिवार है, जो बेटी की शादी में आने वाले मेहमानों का स्वागत तोहफे में हेलमेट देकर कर रहा है. इसके पीछे मूल उद्देश्य मेहमानों को सुरक्षित यात्रा और यातायात नियमों का पालन करने का संदेश देना है. नई परंपरा को देखने लोगों का भिड़ उमड़ रही है. नगर पालिक निगम कोरबा के वार्ड क्रमांक 26 मुड़पार में सेदराम यादव परिवार सहित निवास करते हैं. वे एसईसीएल मानिकपुर के सेंट्रल वर्कशॉप में कार्यरत हैं.
यादव की बड़ी पुत्री निलिमा यादव स्पोर्ट्स टीचर हैं. जिसका विवाह सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के लंका हुडा गांव में रहने वाले खम्हन यादव से तय हुआ है. दोनों पक्षों ने शादी की तिथि 6 फरवरी तय की. विवाह को लेकर रिश्तेदारों की आवाजाही शुरू हो गई. उनकी मौजूदगी में सामाजिक रीति के अनुरूप रस्म अदायगी की जा रही है. यादव ने अपनी बेटी की शादी को यादगार बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया है. जिसमें मेहमानों की खातिरदारी भी है.
मेहमानों को भेंट कर रहे हेलमेट
आमतौर पर लोग शादी विवाह में पहुंचे मेहमानों को मिठाई के साथ बर्तन, साड़ी, पेंट शर्ट, धोती देते हैं, लेकिन यादव और उनके परिजन मेहमानों का स्वागत हेलमेट भेंटकर कर रहे हैं. इस दौरान मेहमानों को वाहन चलाते समय हेलमेट के उपयोग से मिलने वाले लाभ की जानकारी दी जा रही है. उन्हें हमेशा दोपहिया चलाते समय हेलमेट पहनने और यातायात नियमों का पालन करने जागरूक कर रहे हैं. परिवार ने सोमवार (5 फरवरी) को हरिद्रालेपन के अवसर पर खास कार्यक्रम आयोजित किया था, जिसमें मेहमानों और परिवार के सदस्यों ने हेलमेट पहनकर डांस किया. जिसे देखने आसपास के लोग भारी संख्या में घर पहुंचे हुए थे. उन्होंने यादव परिवार की तरफ से यातायात नियमों के प्रति जागरूक करने की गई पहल की सराहना भी की.
शादी के लिए देशी बाजा का इस्तेमाल
सेद कुमार यादव का कहना है कि छत्तीसगढ़ कल्चर को जिंदा रखना अनिवार्य है. इसके लिए घर में होने वाले आयोजनों में परंपरा का निर्वहन छत्तीसगढ़ी रीति रिवाज के साथ किया जा रहा है. एक समय था, जब लोग स्थानीय कलाकारों को बुलाते थे, जो पारंपरिक वाद्य यंत्रों का इस्तेमाल करते थे. हमारे घर भी वाद्ययंत्र के साथ टीम पहुंची हुई है, जिसका लोग लुत्फ उठा रहे हैं.
आधुनिकता के इस युग में बिरले ही लोग ऐसे हैं, जो संयुक्त परिवार में रहना पसंद करते हैं. इसमें सेद कुमार यादव का परिवार भी शामिल हैं. मुड़पार बाईपास मार्ग स्थित उनका मकान किसी बस्ती से कम नहीं है, जहां एक ही परिवार के 38 सदस्य निवास करते हैं. इस परिवार की खासियत तो आम परिवारों की तरह छोटी मोटी बातें तो होती है, लेकिन इसे बैठकर आपस में ही सुलझा लेते हैं.
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