Kanker News: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में बस्तर संभाग के 12 विधानसभा सीटो में प्रथम चरण का मतदान 7 नवम्बर को पूरा हो चुका है और चुनाव के सुरक्षा में लगे जवानों के बस्तर से वापस जाने का भी सिलसिला शुरू हो गया है. नक्सल प्रभावित कांकेर जिले के भी मतदान केंद्रों में नक्सलियों ने मतदान के दिन अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए गश्त पर निकले जवानों को नुकसान पहुंचाने के फिराक में उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग की थी, जिसमें मुठभेड़ स्थल में मवेशी चरा रहे एक ग्रामीण किसान को भी गोली लग गई थी, जिसकी मंगलवार सुबह मौत हो गई. ग्रामीण किसान को गोली लगने के बाद लगातार उसका इलाज रायपुर में किया जा रहा था, लेकिन स्थिति गंभीर होने के चलते मंगलवार सुबह ग्रामीण किसान ने दम तोड़ दिया.
किसान को पेट में लगी थी गोली
दरअसल 7 नवंबर को कांकेर जिले के अंदरूनी इलाक़ो में मतदान शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न कराने बीएसएफ के जवान जंगल में सर्चिंग कर रहे थे. इस बीच उलिया गांव के जंगल में बीएसएफ जवानों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हो गई. इसी बीच जंगल में मवेशी चरा रहे किसान दोगेराम को पेट में गोली लग गई और वह घायल हो गया था. मुठभेड़ खत्म होने तक घायल किसान जंगल में ही दर्द से तड़पता रहा और कराहते, चिल्लाते रहा. कुछ समय बाद जब इसकी जानकारी परिजनों को हुई, तो वाहन के जरिये घायल किसान को जिले के बांदे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया. जहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे कांकेर जिला अस्पताल रेफर किया गया.
हालत गंभीर होने के चलते कांकेर से उसे बेहतर इलाज के लिए रायपुर लाया गया, लेकिन इलाज के दौरान किसान दोगेराम की मंगलवार सुबह मौत हो गई. मुठभेड़ के कुछ देर बाद ही पुलिस ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए दावा किया था कि उलिया में हुए मुठभेड़ में कुछ नक्सलियों को गोली लगने से वे घायल हो गए हैं, साथ ही कुछ के मारे जाने की भी संभावना जताई थी.
गस्त लगाने के दौरान हुई थी मुठभेड़
इधर अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि आखिर पुलिस के दावे के अनुसार घायल नक्सली कहां है? इतना ही नहीं इधर जिस ग्रामीण को गोली लगी है, उसे लेकर भी यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि दोनों ओर से चली गोलीबारी में आखिर उसे किसकी गोली लगी है. यह जांच का विषय बना हुआ है. दरअसल पहले चरण के मतदान में बस्तर के कई क्षेत्रों में नक्सलियों ने वोटिंग के दौरान फायरिंग और आईईडी ब्लास्ट कर चुनाव में बाधा डालने की कोशिश की, हालांकि लोगों ने बढ़चढ़ कर लोकतंत्र के इस महापर्व में हिस्सा लिया.
मतदान से एक दिन पहले कांकेर के रेंगावही मतदान केंद्र के पास नक्सलियो द्वारा प्लांट आईईडी ब्लास्ट हो गया था, इसके बावजूद यहां लोगों ने मतदान किया. इसके बाद मतदान कर्मी जब वापस पंखाजूर पहुंचे, तो उनका पुलिस अधीक्षक ने सम्मान किया था. इस मुठभेड़ में बीएसएफ के भी एक जवान को गोली लगी थी और वह बुरी तरह से घायल हो गया था.
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