Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में पहली बार गांजे से बनी बिजली, पॉवर प्लांट में जलाया गया 12 टन गांजा
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के पॉवर प्लांट में पहली बार गांजे से बिजली उत्पादन किया गया है. इसके लिए 12 टन गांजे को कोयले के साथ जलाया गया.
Electricity from Ganja: छत्तीसगढ़ के न्यायधानी बिलासपुर के पॉवर प्लांट में पहली बार गांजे से बिजली उत्पादन किया गया है. बिलासपुर रेंज में जब्त 12 टन गांजा को बायोमास प्लांट में जलाकर नष्ट किया गया है.ये करीब एक घंटे तक जलता रहा,जिससे 5 मेगावॉट बिजली का उत्पादन हुआ है. राज्य में पहली बार ऐसा हुआ है की गांजा नष्टीकरण को बिजली उत्पादन के लिए उपयोग किया गया हो. इस पहल की अब जमकर चर्चा हो रही है.
12 टन गांजा से 5 मेगावॉट बिजली का उत्पादन
दरअसल बिलासपुर रेंज में अबतक जब्त हुए गंजा को जिले के बायोमॉस पावर प्लांट में गांजा, कोल मेटेरियल,भूसे के साथ जलाया गया है. इससे पहले गांजा को फर्नेस ऑयल फैक्ट्री में जलाकर नष्ट किया जाता था. लेकिन बिलासपुर रेंज के आईजी रतनलाल डांगी के निर्देश पर वेस्ट मेटेरियल से बिजली बनाया गया है. नष्ट करने के पहले बिलासपुर रेंज स्तर पर चार सदस्य हाई पावर ड्रग डिस्पोजल कमेटी का गठन किया गया था.कमेटी के फैसले के बाद भारी मात्रा में जब्त गांजा को पावर प्लांट में जलाया गया.
आईजी की अध्यक्षता में बनाई गई थी कमेटी
बिलासपुर एसपी पारुल माथुर ने इस पूरे नष्टीकरण ऑपरेशन को लेकर बताया कि बिलासपुर आईजी की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई थी. संभगा के सभी जिलों के 550 प्रकरणों में 12 टन से ऊपर गांजा जब्त हुआ था और बड़ी मात्रा में कप सिरफ, नशे का टेबलेट और इंजेक्शन इन सभी को शुक्रवार को नष्ट किया गया है.
इसके लिए मोहतराई के सुधा बायोमास प्लांट में पूरी प्रक्रिया संपन्न हुई है. भट्टी में गांजा और कोयला को 2/3 के अनुपात में मिक्स करके जलाया गया है. 12 टन गंजे से लगभग 5 मेगावॉट बिजली इसमें हुआ है. नशीली दवाइयों को जमीन में गड्ढा कर बुलडोजर चलवाकर नष्ट किया गया इसके ऊपर जेसीबी से मिट्टी बराबर कर दिया गया है.
कोयले के साथ भूसा जलाकर उत्पादन किया जाता है बिजली
सुधा बायोमास पावर प्लांट के प्रबंधक एस वी राजू ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया है कि 10 प्रतिशत कोयले के साथ भूसे का उपयोग कर बिजली का उत्पादन किया गया है. प्लांट में भूसे और कोयले को जलाकर प्रति घंटे 10 मेगावॉट बिजली उत्पादन के क्षमता है.
कंपनी की और से उत्पादन किया गए बिजली को राज्य सरकार की बिजली इकाई CSEB को सप्लाई किया जाता है. गौरतलब है की अक्सर साल भर में जब्त गांजा को पुलिस प्रशासन एक साथ नष्ट करती है. इस आम प्रक्रिया के तहत जला दिया जाता था लेकिन वेस्ट से बिजली उत्पादन पहली बार किया गया है.
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