Chhattisgarh News: रायपुर एम्स में जल्द शुरू हो सकती है कोरोना के नए वेरिएंट Omicron की जांच! स्वास्थ्य मंत्री ने केंद्र को लिखा पत्र
छत्तीसगढ़ में फिलहाल ओमिक्रोन का एक भी मरीज नहीं मिला है. लेकिन एहतियातन स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने केंद्र को पत्र लिखकर रायपुर एम्स में जीनोम सिक्वेंसिंग शुरू कराने के लिए अनुरोध किया है.
रायपुर: देशभर में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन का खतरा बढ़ता ही जा रहा है. पूर्वी भारत को छोड़कर देशभर के कई राज्यों में ओमिक्रॉन के मरीज मिल रहे हैं. वहीं मध्य भारत में केवल छत्तीसगढ़ ऐसा अकेला राज्य है जहां ओमिक्रोन का अभी तक एक भी केस नहीं मिला है. लेकिन राज्य में कोरोना संक्रमण मरीजों के मिलने की रफ्तार 3 गुना तेज हो गई है.
जीनोम सिक्वेंसिंग जांच की सुविधा जल्द से जल्द शुरू करने की अपील
बता दें कि राज्य में कोरोना संक्रमित मरीजों का सैंपल ओमिक्रोन वेरिएंट की जांच के लिए उड़ीसा के भुवनेश्वर शहर भेजा जाता है. लेकिन इससे जांच की प्रक्रिया में देर हो रही है. इसे लेकर छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर जीनोम सिक्वेंसिंग जांच की सुविधा जल्द से जल्द शुरू करने का आग्रह किया है.
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री ने केंद्र को लिखा पत्र
बता दें कि बुधवार को स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मण्डाविया को कोविड-19 के नये वेरिएंट की स्थिति को देखते हुए प्रदेश में जीनोम सिक्वेंसिंग जांच की सुविधा जल्द करने को लेकर पत्र लिखा. इस पत्र में स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने लिखा है कि कोविड-19 का नया वेरिएंट और उसका बदलता स्वरूप वैश्विक स्तर पर गंभीर चिंता का विषय बना हुआ है. भारत भी इससे अछूता नहीं है. देश के ज्यादातर राज्यों में कोविड के नये वेरिएंट के बढ़ते संक्रमण के समाचार लगातार सामने आ रहें हैं. लेकिन छत्तीसगढ़ कई राज्यों की सीमाओं से घिरा हुआ है, फलस्वरूप यहां कोरोना के नए मामले लगातार सामने आ रहें हैं.
जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भुवनेश्वर भेजा जाता है सैंपल
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने आगे लिखा कि आपके संज्ञान में लाना चाहूंगा कि छत्तीसगढ़ में कोरोना के वेरिएंट का पता लगाने के लिए "जीनोम सिक्वेंसिंग" (Genome Sequencing) जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं है, उन्होंने लिखा कि "जीनोम सिक्वेंसिंग" (Genome Sequencing) के लिए छत्तीसगढ़ से हमें सैंपल भुवनेश्वर (उड़िसा) भेजकर रिपोर्ट मंगानी पड़ती है जिसमें काफी समय लग जाता है. जांच की गति धीमी होने के कारण हमें यह भी पता नहीं चल पा रहा है कि हमारे क्षेत्र में फैलने वाला कोरोना, वैरिएंट ओमिक्रोन, डेल्टा अथवा अन्य कोई दूसरा है, जिसके कारण इसके रोकथाम, जांच या ईलाज इत्यादि के महत्वपूर्ण निर्णय लेने एवं रणनीतिक तैयारी करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.”
रायपुर एम्स में ओमिक्रोन जांच की अनुमति मांगी
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने आगे लिखा है कि प्रदेश में व्याप्त परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए आपसे अनुरोध है कि "AIIMS" रायपुर में जीनोम सिक्वेंसिंग (Genome Sequencing) जांच की सुविधा तत्काल शुरू कराये जाने के आदेश दिए जाएं. इसके साथ ही प्रदेश की राजधानी रायपुर स्थित शासकीय मेडिकल कॉलेज में भी जीनोम सिक्वेंसिंग (Genome Sequencing) जांच की सुविधा जल्द शुरू कराने हेतु आपसे जरूरी आर्थिक व तकनीकी सहयोग की अपेक्षा रखता हूं ताकि समय पूर्व प्रदेश में इस संक्रमण से बचाव और बेहतर ईलाज की व्यवस्थायें सुनिश्चित की जा सकें.” इसके अलावा उन्होंने लिखा कि आशा करता हूं कि जन-जीवन से जुड़े इस महत्वपूर्ण और संवेदनशील विषय पर शीघ्र समुचित निर्णय लेकर तत्परतापूर्वक कार्यवाही के आदेश दिए जाएंगे.
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