Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बस्तर (Bastar) जिले में मौजूद सरकारी छात्रावासों में अव्यवस्थाओं का आलम है. यहां रहने वाले ग्रामीण बच्चे कई समस्याओं से जूझ रहे हैं. किसी छात्रावास में पानी की किल्लत है, तो कुछ छात्रावास में बच्चों को भरपेट भोजन ही नहीं मिल पा रहा है. कई छात्रावास के बच्चे बाहर खुले में शौच के लिए जाने को मजबूर है. इसका खुलासा संभागीय छात्र संघ ने किया है, लगातार बच्चों के द्वारा मिली शिकायत के बाद संघ के छात्रों ने बस्तर जिले के 50 से अधिक सरकारी छात्रावासों का निरीक्षण किया. इसमें उन्होंने पाया कि सभी छात्रावासों में बच्चे कई सारी समस्याओं से जूझ रहे हैं. सबसे बुरा हाल अंदरूनी ग्रामीण क्षेत्र में मौजूद छात्रावासों का है, जहां बच्चों को भरपेट भोजन तक नहीं मिल पा रहा है.


छात्र संघ के पदाधिकारियों ने इन सभी समस्याओं को लेकर बस्तर कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा है. संघ ने जल्द से जल्द व्यवस्था दुरुस्त करवाने की मांग की है. संभागीय छात्रावासीय संघ के पदाधिकारी चेतराम कश्यप ने बताया कि बस्तर के अंदरूनी क्षेत्रों के छात्रावासों में समस्याओं का अंबार भरा है. छात्रावास के बच्चों को जो सुविधाएं मिलनी चाहिए वह नहीं मिल पा रही है, सबसे खराब स्थिति अंदरूनी क्षेत्र के छात्रावासों की है. यहां बच्चे शौच के लिए भी बाहर जाते हैं और अपने सारे निस्तारी काम के लिए  गांव के नदी तालाबों पर ही निर्भर रहते हैं. छात्रों ने इन सरकारी छात्रावासों में सीसीटीवी कैमरे भी लगाने की मांग की है. संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि कंबल, चादर और मच्छरदानी का वितरण समय पर नहीं किया जाता है, जिसकी वजह से बच्चे यहां बीमार हो रहे हैं.


इन समस्याओं को लेकर सौंपा ज्ञापन
इसके अलावा पेयजल के लिए वाटर फिल्टर की व्यवस्था की जानी चाहिए, सबसे बड़ी समस्या यह है कि कई  छात्रावास जर्जर हालत में है और कभी भी यहां हादसा हो सकता है. ऐसे में इन जगहों पर नए भवन भी बनाए जाने की मांग की है. इसके अलावा छात्रावासों में गणित और अंग्रेजी, विज्ञान विषय की कोचिंग भी करवाने की मांग की है, ताकि इन आदिवासी क्षेत्रों के ग्रामीण बच्चे भी अच्छे से शिक्षा ले सकें. कश्यप ने बताया कि इन सभी समस्याओं को लेकर एक रिपोर्ट बनाकर बस्तर कमिश्नर को सौंपा गया है और व्यवस्था दुरुस्त करने की मांग की गई है. जल्द से जल्द  इन सरकारी छात्रावासो में सभी सुविधा मुहैया कराने की मांग कमिश्नर से की है.


छात्र संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक दोनों ही छात्रावासों की हालत बद से बदतर हो चुकी है. साथ ही शिक्षा व्यवस्था भी चरमराई हुई है, ऐसे में उन्होंने जल्द से जल्द  इन छात्रावासों में व्यवस्था दुरुस्त करवाने की मांग की है.


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