Bastar News: बस्तर की प्राणदायिनी इंद्रावती नदी एक बार फिर घटते जलस्तर की वजह से संकट में नजर आ रही है. नवंबर महीने से ही लगातार नदी में पानी की कमी देखी जा रही है. दरअसल बस्तर में इस साल समय से पहले बारिश बंद हो गई, इसके कारण बरसाती नालों में और नदियों में जलस्तर अक्टूबर से ही सिमटने लगा था. वहीं इन दिनों बरसाती नाले लगभग सूखने की कगार पर पहुंच गए हैं, जिस वजह से बस्तर की प्राणदायिनी इंद्रावती नदी की स्थिति भी ठीक नहीं है.


वर्तमान में इंद्रावती नदी का जलस्तर 2.70 मीटर है, जबकि पिछले साल इसी समय 4.45 मीटर था. ऐसे में अप्रैल और मई माह में इंद्रावती नदी में भयंकर जल संकट उत्पन्न होने की संभावना बनी हुई है. हालांकि जगदलपुर से लेकर चित्रकोट तक जगह-जगह एनीकट का निर्माण कर पानी रोका जा रहा है, लेकिन इससे भी नदी के जलस्तर को बढ़ाने के लिए कोई खास असर नहीं पड़ेगा. इंद्रावती में घटते जलस्तर की वजह से सबसे ज्यादा बस्तर में पर्यटन को इसका नुकसान हो सकता है. नवंबर दिसंबर और जनवरी माह में बड़ी संख्या में दूसरे राज्यों से पर्यटक देश में मिनी नियाग्रा के नाम से मशहूर चित्रकोट जलप्रपात की खूबसूरती देखने आते हैं. लेकिन घटते जलस्तर की वजह से चित्रकोट पर्यटन स्थल में रौनक अभी से घटती जा रही है.


इंद्रावती नदी बचाओ मंच के लोगों ने जताई चिंता


दरअसल इंद्रावती नदी को बस्तर की प्राणदायिनी माना जाता है. उड़ीसा राज्य से निकलने वाली इंद्रावती नदी के पानी का उपयोग जगदलपुर से लेकर बीजापुर जिला तक के लोग करते हैं. इंद्रावती नदी के दोनों किनारे दर्जनों गांव बसे हुए हैं. इन गांवों के लोग इंद्रावती नदी का पानी का उपयोग निस्तारी के लिए करते हैं. गर्मी के सीजन में इंद्रावती नदी में पानी बहुत कम रहता है, वहीं इस साल नदी की स्थिति और भी दयनीय होने की संभावना है. इंद्रावती बचाओ मंच के लोगों का कहना है कि पहले ही बस्तर में अपेक्षाकृत बारिश कम हुई है और ऊपर से उड़ीसा सरकार की बेरुखी के चलते नवंबर महीने में ही इंद्रावती नदी का जलस्तर घटता दिख रहा है.


पिछले साल के मुकाबले पानी का जलस्तर काफी ज्यादा घट गया है. उड़ीसा में इंद्रावती नदी तट से लगे गांव गांव में एनीकट बनाकर पानी रोक दिया गया है. जिसकी वजह से ऐसी स्थिति उत्पन्न हो रही है. वहीं केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय भी इस समस्या के समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है, जिस वजह से इंद्रावती नदी के जलस्तर को देख बस्तरवासी काफी  चिंतित है. इधर जगदलपुर से लेकर चित्रकोट तक जगह-जगह एनीकट का निर्माण कर पानी रोकने की कोशिश की जा रही है ताकि गर्मी के सीजन में पानी ठहरा रहे. इंद्रावती नदी में जगदलपुर, कुम्हरावंड  और छिंदगांव और नारायणपाल में एनीकट बनाया गया है. वहीं चित्रकोट जलप्रपात के नीचे एक भी एनीकट नहीं है. इसके कारण गर्मी के सीजन में हर साल चित्रकोट के नीचे वाले हिस्से में पानी लगभग सूख जाता है.


कुछ साल पहले पूरी तरह से सूख गया था चित्रकोट जलप्रपात


देश में मिनी नियाग्रा के नाम से मशहूर चित्रकोट जलप्रपात कुछ साल पहले मई के महीने में पूरी तरह से सूख गया था. बाद में कोसारटेडा बांध से पानी छोड़कर नारंगी नदी के माध्यम से इंद्रावती तक पानी पहुंचाया गया था. हालांकि उस समय नारायणपाल एनीकट से पूरा पानी को छोड़कर एक साथ सभी गेट को बंद कर दिया गया था. यह भी एक वजह जलप्रपात सूखने की मानी गयी थी. इस साल भी इंद्रावती नदी में ऐसी स्थिति निर्मित होने की संभावना है, क्योंकि अब बस्तर में बारिश की उम्मीद नहीं है. वही उड़ीसा से भी नहीं के बराबर इंद्रावती नदी में पानी आ रहा है, ऐसे में एक बार फिर इंद्रावती नदी में जल संकट का खतरा बना हुआ है.


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