International Tea Day: इंटरनेशनल टी डे पर जानें कि चाय की चुस्कियों के साथ बिस्किट ब्रेड खाना क्यों हुआ महंगा
आज शनिवार 21 मई को इंटरनेशनल टी डे है और हर कोई अपने दिन की शुरुआत चाय और बिस्कुट के साथ करता है. हालांकि इस चाय के साथ नाश्ते में मिलने वाला बिस्कुट और ब्रेड काफी महंगा हो गया है.
Chhattisgarh News: भारत में चाय बिस्कुट की जोड़ी लोकप्रिय है, समय के साथ बिस्किट के साथ ब्रेड ने भी अपनी जगह बना ली है. देश में अधिकांश क्षेत्र में सुबह और शाम को हल्का नाश्ता के रूप में चाय की चुस्कियों के साथ बिस्किट और ब्रेड खाना पसंद करते हैं. हालांकि अब चाय की चुस्की फूंक कर पीजिए लेकिन बिस्किट गिन गिन कर खाइए क्योंकि बिस्किट, ब्रेड और दूध के दाम बढ़ गए हैं.
दरअसल आज इंटरनेशनल टी डे है और देश में चाय लवर इतने हैं कि आज हर चौराहे पर अपको चाय की दुकान मिल जाएगी. हालांकि इस समय -आम नागरिकों को चाय के साथ बिस्कुट और ब्रेड खाना महंगा पड़ रहा है. इसके पीछे दूध गेहूं, तेल के बढ़ रहे दाम को बताया जा रहा है. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में बेकरी उद्योग महंगाई की मार झेल रहा है और गेहूं प्रति क्विंटल तीन हजार रुपये तक बिक रहा है.
इस तरह बढ़ गए बिस्कुट ब्रेड दूध के दाम
वहीं अगर ब्रेड, बिस्किट दूध के दाम की बात करें तो दूध के दाम 44 से 46 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से हैं. वहीं ब्रेड 15 से 30 रुपये के अलग अलग पैकेट में बिकने वाले ब्रेड के दाम में अब 5 रुपये तक की वृद्धि हो चुकी है. ब्रेड का बड़ा पैकेट 30 की जगह 35 रुपये में बिक रहे हैं. ब्रांडेड बिस्कुट के दाम तक बढ़ चुके हैं, रायपुर के बेकरी संचालक कहते हैं कि पहले एक किलो बिस्किट 400 से 450 रुपये में मिल जाते थे. अब 500 रुपये तक दाम बढ़ गए हैं और लागत बढ़ने से केक के दाम बढ़ गए हैं. इस समय एक किलो केक की 1500 रुपये में बिक्री हो रही है.
गेहूं के दाम पहली बार 32 रुपये तक पहुंचे
रायपुर बेकरी संचालकों ने बताया कि कच्चा माल के दाम दिनों दिन बढ़ रहे हैं. आटा, तेल, मैदा सब कुछ महंगा हो गया है. इसमें गेहूं से बनने वाले आइटम के दाम बढ़ चुके है. अगर दाम अभी नहीं घटे तो इसी तरह बेकरी उद्योग में भी महगाई की मार झेलनी पड़ेगी. उन्होंने बताया कि गेहूं का दाम पिछले कई साल से 25 से 28 रुपये प्रति किलो में बिक रहा था. अब बीते कुछ महीने में ही दाम 32 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुका है, कहीं कहीं तो इससे ज्यादा हो चुके भी उपर है. इसके पीछे ट्रांसपोटिंग किराया भी बढ़ती महंगाई में एक वजह है.