Chhattisgarh: कोरोना को लेकर अलर्ट मोड पर जेल प्रबंधन, रिपोर्ट निगेटिव होने पर ही आरोपी की जेल में एंट्री
Korba Jail: प्रदेश में कोरोना के दस्तक देते ही जेल प्रबंधन ने भी एहतियात बरतनी शुरू कर दी है. किसी भी मामले में कैदियों का जेल दाखिल करने से पहले डॉक्टरी मुलाहिजा कराया जा रहा है.
Korba News: प्रदेश में कोरोना के दस्तक देते ही जेल प्रबंधन ने भी एहतियात बरतनी शुरू कर दी है. किसी भी मामले में कैदियों का जेल दाखिल करने से पहले डॉक्टरी मुलाहिजा कराया जा रहा है. उसके कोरोना नेगेटिव होने पर ही जेल में प्रवेश दिया जा रहा है. इसके अलावा बंदी के बीमार होने पर उसे उपचार के लिए अस्पताल दाखिल किया जा रहा है.
कोरोना के मामले में जेल बेहद ही संवेदनशील स्थान हैं. किसी मामले के आरोपी को पुलिस वैधानिक कार्रवाई उपरांत कोर्ट में पेश करती है, जहां से जमानत के अभाव में जेल वारंट जारी किया जाता है. जिसके आधार पर पुलिस आरोपी को जेल दाखिल करा देती है. उन्हें जेल के बैरक में रखा जाता है, जहां कई अन्य बंदी भी होते हैं. जेल के भीतर बैरक में एक साथ कई बंदियों के होने से कोरोना संक्रमण का खतरा रहता है. ऐसी स्थिति से निपटने कोरोना काल में जेल प्रबंधन को जरूरी दिशा निर्देश जारी किए गए थे, लेकिन स्थिति सामान्य होने के बाद सख्त नियमों में थोड़ी ढिलाई बरती जा रही थी.
कोरोना को लेकर कोरबा जेल सतर्क
अब जब एक बार फिर कोरोना के नए वेरिएंट ने दस्तक दे दिया है. इसके बढ़ने से पहले ही जेल प्रबंधन ने सावधानी बरतनी शुरू कर दी है. कोरबा जिले में भी जिला और उपजेल प्रबंधन ने कोरोना के मद्देनजर एहतियात बरतनी शुरू कर दी है. बैरकों में बंदियों को निर्धारित दूरी पर रखा जा रहा है. इसके अलावा साफ सफाई पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है, ताकि संक्रमण के खतरे को टाला जा सके. खास बात तो यह है कि पुलिस जमानत के अभाव में आरोपी को जेल दाखिल कराने पहुंचती है. इससे पहले आरोपी को डॉक्टरी परीक्षण कराया जाता है. जेल में कोरोना नेगेटिव होने पर ही आरोपी को दाखिल किया जाता है. वहीं जेल में आने वाले बंदियों के कई अन्य जांच भी जरूरी हैं, ताकि किसी भी बीमारी का समय रहते पता लग सके. जेल प्रबंधन जरूरत पड़ने पर बंदी को उपचार के लिए अस्पताल दाखिल करा सके.
सप्ताह में तीन दिन पहुंचते हैं चिकित्सक
कोरबा जिला जेल में नियमित चिकित्सक की तैनाती की गई थी, जो जुलाई माह में सेवानिवृत्त हो चुके हैं. उनकी सेवानिवृत्ति के बाद से नियमित डॉक्टर की कमी बनी हुई है. वर्तमान में सप्ताह के तीन दिन ही डॉक्टर जेल पहुंचते हैं. ऐसे में बंदियों को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा जाता है. इस संबंध में जेल प्रबंधन द्वारा पत्राचार भी किया गया है, लेकिन अब तक नियमित चिकित्सक की पदस्थापना नहीं हुई है.
जिला जेल कोरबा के जेलर विजय आनंद सिंह ने बताया कि विभिन्न माध्यमों से कोरोना के नए वेरिएंट की जानकारी मिली है. जिला जेल में संक्रमण के मद्देनजर पूरी सावधानी बरती जा रही है. जेल में सप्ताह के तीन दिन चिकित्सक उपलब्ध रहते हैं. मुख्यालय को नियमित चिकित्सक के लिए पत्राचार किया गया है.
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