छत्तीसगढ़ में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल बीते 9 दिनों से जारी है. हड़ताल के कई दिन बीते जाने के बावजूद केंद्र सरकार ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया है. लिहाजा, जूनियर डॉक्टरों ने अब कड़ा रुख अपनाया है. जूनियर डॉक्टरों ने छत्तीसगढ़ के सभी मेडिकल कॉलेज में ओपडी सेवा के बाद एमरजेंसी सेवा बंद करने का एलान किया है.


राजधानी रायपुर के पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के डॉ गौरव सिंह परिहार ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की ओर से NEET PG काउंसिलिंग करवाने के लिए संतोषजनक जवाब नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि ज्यादा वर्क लोड होने से जूनियर डॉक्टर मानसिक और फिजिकली परेशान हो चुके हैं. डॉक्टर्स के नेशनल एसोसिएशन FORDA ने 6 दिसंबर से पूरे भारत में रेजिडेंट डॉक्टर्स का इमरजेंसी सर्विस से भी पीछे हटने का निर्णय लिया है. इसके लिए छत्तीसगढ़ में भी जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन ने भी आज से इमरजेंसी सर्विस बंद करने का निर्णय लिया है. 


जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल की वजह से छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल की व्यवस्था बिगड़ी हुई है. ओपीडी में मरीजों की संख्या आधी रह गई है. जहां डेढ़ हजार से ज्यादा मरीज इलाज करवाने आते थे अब संख्या कम हो गई है. वहीं आज एमरजेंसी सेवा बंद करने का निर्णय लिया गया है इससे मरीजों की परेशानी और बढ़ने वाली है.


बता दें कि पंडित जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज रायपुर में एक बैच में 120 छात्र होते हैं. तीनों बैच मिलाकर 360 छात्र यहां होना चाहिए, लेकिन पिछले 6 महीने से प्रथम वर्ष के छात्र नहीं आए है और अगले साल फाइनल ईयर के छात्रों की परीक्षा है. ऐसे में फाइनल ईयर के छात्र परीक्षा की तैयारी में लग गए हैं. इसके चलते सेकेंड ईयर के छात्रों का वर्क लोड बढ़ गया हैं.


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