Elephant Terror in Kawardha: कवर्धा के पंडरिया इलाके में इन दिनों हाथियों की दहशत से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. हाथियों का झुंड महुआ शराब की गंध सूंघकर लोगों के घरों तक पहुंच रहा है और तोड़फोड़ कर रहा है. घर में रखी महुआ की शराब पीकर हाथी मदहोश भी हो रहे हैं. गांव से करीब आधा किलोमीटर दूर जंगल में हाथियों का दल अब भी मौजूद है. हाथियों का निशाना घर में रखे महुआ पर है. महुआ की वजह से हाथियों का दल घरों में उत्पात मचा रहा है.
हाथियों से बचने के लिए कराई जा रही मुनादी
जंगल छोड़कर आबादी में हाथियों के आ जाने से लोग भयभीत हैं. वन विभाग ने गांव में अलर्ट जारी कर दिया है और मुनादी कराकर लोगों को सुरक्षित जाने की हिदायत दी है. कच्चे घरों में रहने वाले लोगों को स्कूल और आंगनबाड़ी में आसरा लेने को कहा जा रहा है. खासतौर पर बच्चों को सुरक्षित जगह पर ले जाने की बात कहीं है. वन विभाग के पास हाथियों को संभालने के लिए पुख्ता इंतजाम नहीं हैं और ना ही ग्रामीणों को हाथियों के साथ रहने का कोई अनुभव है.
महुआ की शराब की गंध सूंघकर दे रहे दस्तक
इन दिनों ग्रामीण महुआ बीनने जंगल के अंदर जाते हैं और घर वापसी पर महुआ की शराब बनाते हैं. शायद यही वजह है कि जंगल में हाथियों का दल महुआ की गंध सूंघकर लोगों के घरों तक पहुंच रहा है और लोगों के घरों को तोड़कर महुआ की शराब पी रहा है. आपको बता दें कि महुआ छत्तीसगढ़ के जंगली इलाकों में काफी मिलता है. गर्मी के कारण जंगल में हाथियों को खाने के लिए पर्याप्त भोजन नहीं है. इसलिए आशंका जताई जा रही है कि अनाज की तलाश में हाथी गांव और आबादी क्षेत्र की तरफ आ रहे हैं.
पिछले 2 दिनों से तेलियापानी लेडरा के पास जंगल में हाथी मंडरा रहे हैं. इसके नीचे घनी आबादी वाले 2 गांव हैं. अगर हाथी पहाड़ी से गांव में 3-4 किलोमीटर नीचे जाते हैं तो भारी क्षति पहुंचा सकते हैं. वन विभाग के अफसर इस बात की आशंका से इंकार नहीं कर रहे हैं क्योंकि हाथी पहाड़ी के नीचे उतरने से बचते हैं. वन विभाग ने गांव में अलर्ट जारी कर दिया है.