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Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ का कोरबा बिजली उत्पादन में नंबर वन लेकिन विद्युत वितरण में फिसड्डी, लोग परेशान
Korba Electricity: बिजली की इस आंख मिचौली से लोगो की समस्या बढ़ गई है. शहर से लेकर गांव तक की व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो रही है. आए दिन हाईटेंशन तार भी टूट रहे हैं, लोग लो वोल्टेज की समस्या से जूझ रहे हैं.
Korba News: राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी ने देश के 33 पावर सेक्टर को पछाड़ते हुए देश की नंबर वन कंपनी का खिताब हासिल किया है. वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही के प्रदर्शन के आधार पर यह उपलब्धि उत्पादन कंपनी ने हासिल की है. इस उपलब्धि में कोरबा की बिजली संयंत्रों की खास भूमिका रही है. दूसरी ओर जिले की विद्युत आपूर्ति व्यवस्था फिसड्डी साबित हुई है. तिमाही में लचर विद्युत व्यवस्था ने लोगों को परेशान कर रखा है. वर्तमान में समस्या और गहरा गई है.
वैसे तो कोरबा ऊर्जाधानी के नाम से जाना और पहचाना जाता है, यहां की बिजली से देश के अन्य राज्य रोशन हो रहे हैं. इसके बावजूद शहर के लोग अंधेरे में रहने को मजबूर हो रहे हैं. मंगलवार (4 जुलाई) की रात जहां 11 केवी तार टूटने से बुधवारी, नेहरू नगर सहित दर्जनों इलाकों में 2 घंटे बिजली आपूर्ति बंद रही थी. वहीं बुधवार (07 जुलाई) की देर रात भी बिजली गुल हो गई. शहर की तुलसीनगर और पाड़ीमार जोन से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में रात लगभग 12 बजे से विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई. इस दौरान तेज बारिश के साथ गरज चमक हो रही थी. रातभर इलाकों में बिजली गुल रही.
3 से 4 घंटे तक रात-रात भर लाइन बंद हो जाती है
कुछ स्थानों में अलसुबह बिजली की सप्लाई शुरू हुई, तो अधिकांश क्षेत्रों में दोपहर बाद आपूर्ति बहाल हो सकी. जिसके कारण लोगों को उमस भरी गर्मी का सामना करना पड़ा. ऐसा आए दिन हो रहा है. मौसम की बेरुखी से भड़कती उमस में पसीने से तरबतर लोगों को रात में भी घंटो बिजली नहीं मिलती. कभी भी 3 से 4 घंटे तक रात-रात भर लाइन बंद हो जाती है. कभी बिजली प्लांट से तो कभी कही कुछ रखरखाव के कारण लाइट बंद कर देते है. विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारी भी समझ नहीं पा रहे हैं कि लाइट कहां से बंद हो जा रही है.
शहर से लेकर गांव तक की व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो रही है
बिजली की इस आंख मिचौली से लोगो की समस्या बढ़ गई है. शहर से लेकर गांव तक की व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो रही है. आए दिन हाईटेंशन तार भी टूट रहे हैं, लोग लो वोल्टेज की समस्या से जूझ रहे हैं. मांग के अनुरूप आपूर्ति की व्यवस्था को सुनिश्चित नहीं कर पा रहे हैं. विद्युत विभाग के मैदानी कर्मचारियों की लापरवाही व अधिकारियों की उदासीनता के कारण सही कार्य नहीं हो पा रहे हैं. इसमें यह कहना गलत नहीं होगा कि संधारण के कार्यों में मनमानी भी विद्युत अव्यवस्था के लिए जिम्मेदार है. इधर आपूर्ति व्यवस्था चरमराने से लोगों में आक्रोश भड़कने लगा है.
उमस से बिजली की बढ़ी डिमांड
बरसात का मौसम देर से शुरू हुआ तो चार दिन बारिश हुई. किसानों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा और लोगों ने भी ठंडक महसूस की. इसके बाद फिर जो बारिश बंद होने से उमस बढ़ी है तो लोग परेशान हो गए हैं. ऐसे में बिजली की आंख मिचौली से राहत नहीं मिल पा रही है. दिन में तो एक बार चल भी जाता है, लेकिन रात में भी अव्यवस्था चैन की नींद सोने नहीं दे रही. शहर से लेकर गांव तक यही हाल है. उमड़ भरी गर्मी के बीच बिजली की मांग बढ़ी है. मांग बढ़ने से आपूर्ति व्यवस्था पर असर दिख रहा है.
वैसे तो कोरबा ऊर्जाधानी के नाम से जाना और पहचाना जाता है, यहां की बिजली से देश के अन्य राज्य रोशन हो रहे हैं. इसके बावजूद शहर के लोग अंधेरे में रहने को मजबूर हो रहे हैं. मंगलवार (4 जुलाई) की रात जहां 11 केवी तार टूटने से बुधवारी, नेहरू नगर सहित दर्जनों इलाकों में 2 घंटे बिजली आपूर्ति बंद रही थी. वहीं बुधवार (07 जुलाई) की देर रात भी बिजली गुल हो गई. शहर की तुलसीनगर और पाड़ीमार जोन से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में रात लगभग 12 बजे से विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई. इस दौरान तेज बारिश के साथ गरज चमक हो रही थी. रातभर इलाकों में बिजली गुल रही.
3 से 4 घंटे तक रात-रात भर लाइन बंद हो जाती है
कुछ स्थानों में अलसुबह बिजली की सप्लाई शुरू हुई, तो अधिकांश क्षेत्रों में दोपहर बाद आपूर्ति बहाल हो सकी. जिसके कारण लोगों को उमस भरी गर्मी का सामना करना पड़ा. ऐसा आए दिन हो रहा है. मौसम की बेरुखी से भड़कती उमस में पसीने से तरबतर लोगों को रात में भी घंटो बिजली नहीं मिलती. कभी भी 3 से 4 घंटे तक रात-रात भर लाइन बंद हो जाती है. कभी बिजली प्लांट से तो कभी कही कुछ रखरखाव के कारण लाइट बंद कर देते है. विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारी भी समझ नहीं पा रहे हैं कि लाइट कहां से बंद हो जा रही है.
शहर से लेकर गांव तक की व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो रही है
बिजली की इस आंख मिचौली से लोगो की समस्या बढ़ गई है. शहर से लेकर गांव तक की व्यवस्था छिन्न-भिन्न हो रही है. आए दिन हाईटेंशन तार भी टूट रहे हैं, लोग लो वोल्टेज की समस्या से जूझ रहे हैं. मांग के अनुरूप आपूर्ति की व्यवस्था को सुनिश्चित नहीं कर पा रहे हैं. विद्युत विभाग के मैदानी कर्मचारियों की लापरवाही व अधिकारियों की उदासीनता के कारण सही कार्य नहीं हो पा रहे हैं. इसमें यह कहना गलत नहीं होगा कि संधारण के कार्यों में मनमानी भी विद्युत अव्यवस्था के लिए जिम्मेदार है. इधर आपूर्ति व्यवस्था चरमराने से लोगों में आक्रोश भड़कने लगा है.
उमस से बिजली की बढ़ी डिमांड
बरसात का मौसम देर से शुरू हुआ तो चार दिन बारिश हुई. किसानों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा और लोगों ने भी ठंडक महसूस की. इसके बाद फिर जो बारिश बंद होने से उमस बढ़ी है तो लोग परेशान हो गए हैं. ऐसे में बिजली की आंख मिचौली से राहत नहीं मिल पा रही है. दिन में तो एक बार चल भी जाता है, लेकिन रात में भी अव्यवस्था चैन की नींद सोने नहीं दे रही. शहर से लेकर गांव तक यही हाल है. उमड़ भरी गर्मी के बीच बिजली की मांग बढ़ी है. मांग बढ़ने से आपूर्ति व्यवस्था पर असर दिख रहा है.
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प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
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