(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chhattisgarh: सूरजपुर में पानी की टंकियों पर लगेगा तड़ित चालक, जांच के लिए चलेगा विशेष अभियान, विभाग का आदेश
Chhattisgarh News: सूरजपुर जिले के ग्राम कुरुवा में निर्मित इंटेकवेल पर आकाशीय बिजली गिरने से दो बिजली मोटर जल गई थी. इस वजह से करीब 18 गांवों में पेयजल व्यवस्था करीब 8 दिनों तक बाधित रहा.
Surajpur News: अब शहर से लेकर गांवों तक पानी सप्लाई के लिए निर्मित पानी टंकियों में लाइटिंग कंडक्टर तड़ित चालक लगाए जाएंगे. हालांकि अधिकांश में तड़ित चालक पहले से लगा है, लेकिन पूर्ण क्षमता के साथ काम कर रहा है या नहीं इसकी गारंटी नहीं है. ऐसे में पहले इसकी जांच होगी और सुधार का काम किया जाएगा. सुधार नहीं हुआ तो नया लाइटिंग कंडक्टर लगाया जा सकता है. इसी तरह विद्युत उपकरणों की सुरक्षा के लिए लाइटिंग अरेस्टर भी लगाने का निर्देश दिया गया है. इसके अभाव में विद्युत मोटर, पैनल बोर्ड और ट्रांसफार्मर जैसी उपकरणों को आकाशीय बिजली से नुकसान होता है. ऐसे में अब अभियान चलाकर पेयजल संरचनाओं और विद्युत उपकरणों में लगे तड़ित चालक और तड़ित रोधक की जांच किया जाएगा. इसके लिए विशेष हिदायत दी गई है.
दरअसल, सूरजपुर जिले के हर्रा टिकरा समूह जल प्रदाय योजना के तहत ग्राम कुरुवा में निर्मित इंटेकवेल पर आकाशीय बिजली गिरने से दो बिजली मोटर जल गई थी. इस वजह से करीब 18 गांवों में पेयजल व्यवस्था करीब 8 दिनों तक बाधित रहा. यहां के इंटेकवेल में लगा तड़ित चालक पूर्ण दक्षता के साथ काम नहीं कर रहा था. इसके कारण 2 बिजली मोटर व पैनल बोर्ड जल गई थी. खास बात यह है कि तड़ित चालक के कार्यशील नहीं होने की स्थिति में आकाशीय बिजली से जनहानि की स्थित भी निर्मित हो सकती थी. इस घटना को लेकर अब नगरीय प्रशासन विभाग सतर्क हो गया है और अब पूरे प्रदेश में पेयजल प्रदाय योजनाओं से संबंधित विभिन्न संरचनाओं जैसे इंटेकवेल, जल शोधन संयंत्र और उच्च स्तरीय पानी टंकियों में लगे तड़ित चालक की जांच करने का फरमान जारी किया गया है.
विद्युत सुरक्षा निरीक्षण विभाग करेगा जांच
इसकी जांच विद्युत सुरक्षा निरीक्षण विभाग के अधिकारियों द्वारा की जाएगी. इसके लिए नगरीय प्रशासन विभाग की ओर से प्रदेश के निगम आयुक्त और सीएमओ को पत्र जारी किया गया है. हालांकि इसकी जांच के लिए पहले भी पत्र जारी किया जा चुका है, लेकिन अब तक जांच नहीं हो पाई है. ऐसे में अब अभियान 2000 एक्सएल चलाकर इसकी जांच करने का निर्देश दिया गया है. जांच के बाद ही पता चलेगा कि तड़ित चालक पूर्ण क्षमता के साथ काम कर रहा है या नहीं.
सफाई का भी फरमान
केवल तड़ित चालक की जांच करने का फरमान नहीं है बल्कि पानी टंकियों की सफाई का भी निर्देश दिया गया है. ग्रामीण जल प्रदाय योजना, शहरी जल प्रदाय योजना, समूह जल प्रदाय और सोलर ड्यूल पंप योजना के साथ ही सोलर आधारिक नल जल योजना के तहत स्थापित पानी टंकियों की सफाई और क्लोरीनेशन साल में दो बार वर्षा ऋतु के पहले और बाद में यानी 6-6 महीने के अंतराल में किया जाना चाहिए. इसके लिए भी नगरीय प्रशासन विभाग ने विशेष हिदायत दी है. सफाई के बाद टॅकियों में तारीख स्पष्ट उल्लेख भी करना होगा. खास बात यह है कि सफाई विभाग के उप अभियंता की उपस्थिति में करने कहा गया है.
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