(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chhattisgarh: अटेंडेंस कम होने पर MBBS के छात्रों को परीक्षा से किया वंचित, नाराज छात्रों ने की जांच की मांग
Medical College: जगदलपुर के डिमरापाल में स्थित स्वर्गीय बलिराम कश्यप मेडिकल कॉलेज के 45 छात्रों ने कॉलेज के डीन और एचओडी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
Bastar News: छत्तीसगढ़ के बस्तर में मौजूद सबसे बड़ा मेडिकल कॉलेज एक बार फिर विवादों में घिरता नजर आ रहा है. जगदलपुर के डिमरापाल में स्थित स्वर्गीय बलिराम कश्यप मेडिकल कॉलेज के 45 छात्रों ने कॉलेज के डीन और एचओडी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
दरअसल छात्रों ने एमबीबीएस तृतीय वर्ष के 45 छात्रों को परीक्षा से वंचित करने पर डीन और एचओडी पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है और मुख्य सतर्कता अधिकारी नई दिल्ली को पत्र लिखकर इस मामले की जांच करने की मांग की है. साथ ही प्रदेश के स्वास्थ मंत्री को भी पत्र लिखकर मामले की जांच पूरी होते तक आगामी 16 जनवरी को होने वाले एमबीबीएस तृतीय वर्ष की परीक्षा स्थगित करने की मांग की है. दरअसल छात्रों का आरोप है कि एमबीबीएस तृतीय वर्ष के 45 छात्र-छात्राओं को अपात्र घोषित कर परीक्षा में बैठने से वंचित कर दिया गया है. वही इस कॉलेज के डीन और एचओडी ने अपने लोगों को उपकृत करते हुए कम अंक लाने वाले अपात्र छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति दी है, जो कि सरासर गलत है.
अपात्र छात्रों को परीक्षा में बैठाने का छात्र कर रहे विरोध
आगामी 16 जनवरी को होने वाले एमबीबीएस तृतीय वर्ष की मुख्य परीक्षा से वंचित होने वाले छात्रों का कहना है कि मेडिकल कॉलेज का नियम है कि परीक्षार्थियों को पिछली परीक्षा में 50% अंक और 50% उपस्थिति अनिवार्य है. इन दोनों में सफल छात्र-छात्राओं को अगली परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी जाती है. इसके आधार पर ही एमबीबीएस तृतीय वर्ष के 45 छात्र-छात्रो को परीक्षा से वंचित किया गया है. वहीं दूसरी ओर 20% अंक प्राप्त करने वाले छात्रों को परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई है. इसकी पूरे प्रदेश भर के मेडिकल छात्र-छात्रों में जबरदस्त आक्रोश है.
जगदलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन द्वारा कॉलेज के 45 छात्रों को एमबीबीएस तृतीय भाग -1 के मुख्य परीक्षा में अपात्र घोषित कर आगामी 16 जनवरी की परीक्षा से वंचित कर दिया गया है. उक्त परीक्षा के लिए विद्यार्थियों के चयन में एनएमसी द्वारा निर्धारित नियमों की अनदेखी कर अपने कृपापात्र छात्रों को ही परीक्षा में बैठने की अनुमति दी गई है, जो पूर्णत: धांधली युक्त और तानाशाही कृत्य है. मेडिकल कॉलेज के छात्रों का कहना है कि डीन यूएस पैकरा और कम्युनिटी मेडिसिन के एचओडी के.पी ब्रह्मापुरकर को हटाकर इसकी पूरी निष्पक्षता से जांच होनी चाहिए और जांच पूरी होने तक परीक्षा स्थगित किया जाना चाहिए, ताकि पात्र विद्यार्थी इस परीक्षा में शामिल हो सके.
नाराज छात्रों ने मुख्य सर्तकता अधिकारी को लिखा पत्र
मेडिकल कॉलेज के छात्रों का यह भी आरोप है कि कम्युनिटी मेडिसिन के एनएमसी के.पी ब्रह्मापुरकर द्वारा किए गए इंटर्नल अंक पूर्णतः पक्षपात पूर्ण है. छात्रों द्वारा अर्जित थ्योरी और प्रैक्टिकल अंक और इंटर्नल अंक के आकलन से स्पष्ट समझा जा सकता है केवल कम्युनिटी मेडिसिन में ही सभी छात्र अपात्र है, अन्य विषयों में नही है. इधर इस मामले को लेकर मेडिकल कॉलेज के डीन से भी संपर्क किया गया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया. फिलहाल छात्रों ने मुख्य सतर्कता अधिकारी नई दिल्ली को पत्र लिखकर इसकी जांच करने की मांग की है और जांच पूरी होने तक एमबीबीएस तृतीय वर्ष की मुख्य परीक्षा को स्थगित करने की मांग की है.
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