छत्तीसगढ़ के कई जिलों में लगातार डेंगू का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है, लेकिन जिले में डेंगू का एक भी मरीज नहीं मिला है. हालांकि, दंतेवाड़ा में 20 से ज्यादा डेंगू के मरीज मिलने से हड़कंप मच गया था. स्वास्थ्य विभाग की टीम अलर्ट होकर जांच कर रही थी, लेकिन बस्तर जिले के स्वास्थ विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जिले में एक भी डेंगू का मामला सामना नहीं आया है. हालांकि स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है और मलेरिया के रोकथाम पर टीम लगी हुई है.
डेंगू नहीं, मलेरिया बढ़ा रहा टेंशन
बस्तर में मलेरिया स्वास्थ्य विभाग की टेंशन बढ़ा रहा है. हर साल बस्तर संभाग में अधिकतर मलेरिया के मरीज सामने आते हैं. इनमें ग्रामीण अंचलों के निवासी और नक्सलियों से लोहा ले रहे पुलिस के जवान इसके चपेट में आते हैं. ऐसे में मलेरिया की रोकथाम को लेकर अब जिला प्रशासन ने पांचवा चरण का अभियान शुरू किया है. अब तक चार चरण के हुए जांच अभियान में 13 हजार 399 मरीजों के मिलने की पुष्टि हुई है. इसमें सबसे ज्यादा संख्या 1 वर्ष से लेकर 15 वर्ष के बच्चों की है. इनमें से कुल 7323 बच्चे मलेरिया पॉजिटिव पाए गए हैं.
जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डी. राजन से मिली जानकारी के मुताबिक बस्तर जिले में डेंगू को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट है. मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि आज से बस्तर जिले में मलेरिया मुक्त अभियान के पांचवे चरण की शुरुआत की गई है. इसके तहत आगामी 3 दिनों में 2 लाख 90 हजार से अधिक लोगों की मलेरिया जांच की जाएगी.
मुख्य चिकित्सा स्वास्थ अधिकारी ने बताया कि कुल 480 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गयी है. 150 टीमें गठित की गई हैं. वही एक टीम में 4 कर्मचारी शामिल है जो ग्रामीण अंचलों में स्थित घर-घर जाकर सभी लोगो की मलेरिया जांच करेंगे. चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि विभाग के पास अभी पर्याप्त मात्रा में मच्छरदानी और मलेरिया के रोकथाम के लिए दवाइयां उपलब्ध है, लेकिन मौसम बदलने के साथ ही मलेरिया मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है.
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