Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में फिर लाल आतंक का साया, नक्सलियों ने की बीजेपी नेता की गोली मारकर हत्या
Naxal News: मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में नक्सलियों ने बीजेपी नेता की गोली मारकर हत्या कर दी. घटना पर प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने प्रतिक्रिया देते हुए इस घटना को लक्षित करार दिया.
Naxal Attack In Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में (Chhattisgarh) नक्सलियों (Naxalise) ने एक बार फिर अपनी आमद दर्ज कराई है. नक्सल प्रभावित मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी में नक्सलियों ने भारतीय जनता पार्टी नेता की गोली मारकर हत्या कर दी. जिले के एक अंदरून गांव में शुक्रवार को अज्ञात हमलावरों ने वारदात को अंजाम दिया है. पुलिस अधिकारियों ने यह जानकारी दी है.
घूमने निकला था बीजेपी नेता
जिले की पुलिस अधीक्षक रत्ना सिंह ने बताया कि जिले के औंधी पुलिस थाना क्षेत्र के अन्तर्गत सरखेड़ा गांव में आज शाम अज्ञात हमलावरों ने बिरजू तारम की गोली मारकर हत्या कर दी. पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना शाम करीब साढ़े सात बजे हुई जब बिरजू तारम अपने घर के बाहर थे. उन्होंने बताया कि इसकी सूचना मिलने के तुरंत बाद पुलिस दल को मौके पर भेजा गया. घटना में नक्सलियों की संभावित भूमिका के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि अभी किसी नतीजे पर पहुंचना जल्दबाजी होगी और सभी संभावित पहलुओं पर जांच चल रही है. उन्होंने बताया कि प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार 60 वर्षीय तारम सैर पर निकले थे, तभी दो-तीन लोग वहां पहुंचे और उन पर गोलियां चला दीं, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. मोहला-मानपुर उन बीस निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है, जहां सात नवंबर को पहले चरण में मतदान होगा.
अरुण साव ने हत्या को बताया साजिश
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने इस घटना को ''लक्षित'' हत्या करार दिया और कहा कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ता इससे डरेंगे नहीं और अगले महीने होने वाले चुनाव में कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर देंगे. साव ने बयान में कहा पार्टी का एक और कार्यकर्ता शहीद हो गया. बीजेपी कार्यकर्ता बिरजू तारम की हत्या एक और बीजेपी कार्यकर्ता की लक्षित हत्या है. बीजेपी कार्यकर्ता इस तरह के कृत्य से डरेंगे नहीं और शहादत को व्यर्थ नहीं जाने देंगे. उन्होंने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ता चुनाव में कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर देंगे और राज्य में शांति और कानून व्यवस्था स्थापित करेंगे. इससे पहले जून में, बीजापुर जिले में संदिग्ध नक्सलियों ने एक स्थानीय बीजेपी नेता की हत्या कर दी थी, जबकि फरवरी में बस्तर संभाग में अलग-अलग स्थानों पर इसी तरह की घटनाओं में तीन बीजेपी नेताओं की हत्या कर दी गई थी. बीजेपी ने तब हत्याओं को 'लक्षित' हत्या करार दिया था और इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग की थी.