Naxalites Press Release: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बस्तर (Bastar) में नक्सलियों (Naxalites) से पिछले कुछ सालों से आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए सरकार लगातार नए पुलिस कैंप खोल रही है. बस्तर संभाग के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस कैंप खोले जा रहे हैं. इस पुलिस कैंप का विरोध नक्सलियों के साथ-साथ गांव के ग्रामीण भी कर रहे हैं. बस्तर पुलिस का कहना है कि ग्रामीण नए पुलिस कैंप खोलने के पक्ष में है, लेकिन नक्सलियों के दबाव में आकर इसका विरोध कर रहे हैं.


अब एक बार फिर इस नए कैंप के विरोध में नक्सली संगठन के मलांगिर एरिया कमेटी के सचिव सोमडु ने प्रेस नोट जारी किया है और ग्रामीणों से पुलिस कैंप का विरोध करने की अपील की है. नक्सली सोमडु ने अपने प्रेस नोट में लिखा है कि पोटाली, नहाड़ी, बरेगुडेम, वानकापाल पंचायतों में जबरदस्ती पुलिस कैंप खोला गया है. इन कैंपों में तैनात डीआरजी के जवान आम ग्रामीणों पर आए दिन से हमले कर रहे हैं. रोड-पुलिया निर्माण करने के समय जनता की जमीन कब्जा किया जा रहा है. जनता के आजीविका के लिए इस्तेमाल हो रहे आम छिंद, महुआ, इमली, ताड़, सल्फी के पेड़ों को काटा जा रहा है.


डीआरजी के जवानों को नक्सलियों ने दी ये चेतावनी


इसके अलावा नक्सलियों ने अपने पर्चे के माध्यम से कहा है कि पिछले दिनों बुरगुम पंचायत में हुई फर्जी मुठभेड़ की न्यायिक जांच करें और दोषियों को सजा दी जाए. साथ ही सभी पुलिस कैम्पों को भी हटाने की मांग नक्सलियों ने की है. वहीं पुलिस पर अत्याचार, दमन और हत्याकांड के विरोध में ग्रामीण और नक्सलियों को आंदोलन तेज करने की बात भी प्रेस नोट में लिखी है. लेटर में नक्सली उन्मूलन के नाम पर डीआरजी पुलिस को गांव वालों के साथ किए जा रहे मारपीट, लूटपाट और अत्याचार को तत्काल बंद करने की चेतावनी दी गई है.


नक्सलियों के आरोपों पर आईजी ने दिया ये जवाब


बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने नक्सलियों के प्रेस नोट में कही गई सारी बातों को निराधार बताया है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ सालों से लगातार पुलिस के जवान नक्सल ऑपरेशन से चला रहे हैं, इसकी वजह से नक्सली बौखलाए हुए हैं और पुलिस के जवानों पर इस तरह के आरोप लगा रहे हैं. नक्सली संगठन को खत्म करने में ग्रामीण भी पुलिस का साथ दे रहे हैं और यही वजह है कि लगातार घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस कैंप के जरिए ही सड़क, पुल-पुलिया का निर्माण कर विकास किया जा रहा है. आईजी ने कहा कि नक्सली फर्जी मुठभेड़ का आरोप लगाकर भोले-भाले ग्रामीणों पर दबाव बनाते हैं, लेकिन नक्सलियों का यह करतूत ज्यादा दिनों तक नहीं चलने वाला है और पुलिस आक्रामक लड़ाई लड़ रही है. उन्हें आत्मसमर्पण करने का भी मौका दे रही है.


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