Bastar News: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में 2 दिसंबर से 8 दिसंबर तक हर साल की तरह इस साल भी नक्सली PLGA सप्ताह मना रहे हैं और अपने PLGA सप्ताह के दौरान पूरे बस्तर संभाग में बंद को सफल बनाने जगह-जगह पर्चा लगा कर बैनर पोस्टर भी लगा रहे हैं. इन पर्चों में नक्सलियों ने संगठन में नए युवक-युवतियों को भर्ती करने का फरमान भी जारी किया है. ऐसा माना जा रहा है कि बस्तर में बीते कुछ सालों से बस्तर में नक्सली बैकफुट पर है और बड़ी संख्या में नक्सली संरेडर करने के साथ पुलिस कई नक्सलियो को गिरफ्तार करने में सफलता भी हासिल कर रही है. साथ ही पुलिस-नक्सली मुठभेड़ में भी कई नक्सलियो के मारे जाने से नक्सली संगठन के प्लाटून में लगातार सदस्य घट रहे हैं, जिसके चलते नक्सली अपने दलम में नए युवक युवतियों को भर्ती के लिए गांव-गांव में फरमान जारी कर रहे हैं.
लगातार घट रही प्लाटून में नक्सलियो की संख्या
दरअसल, बस्तर में पिछले सालों से लगातार नक्सली सरेंडर कर रहे हैं और जवानों के साथ हो रहे मुठभेड़ में भी नक्सलियों के मारे जाने से संगठन में नक्सलियों की संख्या कम हो रही है. जानकारी के मुताबिक नक्सलियों के प्लाटून में पहले जहां 30 से 35 नक्सली हुआ करते थे, अब यह संख्या सिमटकर 15 से 20 हो गई है. वहीं एक कंपनी में नक्सलियों की संख्या 100 से अधिक थी लेकिन अब 70 ही रह गए हैं. इसी तरह बटालियन में पहले 300 नक्सली थे, लेकिन अब सिर्फ 150 से 180 नक्सली ही रह गए हैं. इसके पीछे बड़ी वजह नक्सल प्रभावित इलाकों में खुले नए पुलिस कैंप से नक्सली काफी बैकफुट पर आ गए हैं यही वजह है कि संगठन को कमजोर होता देख नक्सलियों ने गांव में फरमान जारी किया है, कि हर गांव के हर एक घर से एक युवक या युवती की संगठन में भर्ती हो. हालांकि युवा जाना नहीं चाह रहे हैं और जो जा भी रहा है वह 5 से 6 महीने में फिर से भाग कर वापस आ रहा है. इधर कोरोना काल से ही नक्सली संगठन को काफी नुकसान पहुंचा है. कोरोना के दौरान कई बड़े नक्सलियों की कोरोना और अन्य बीमारी से मौत हो गई है तो कइयों ने संगठन छोड़ दिया और कई नक्सली मुठभेड़ में मारे गए हैं.
जवानो के संयुक्त ऑपरेशन से नक्सली बैकफुट पर है
बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि बस्तर पुलिस की विकास, विश्वास और सुरक्षा इस त्रिवेणी योजना के तहत पिछले कुछ सालों से काम किया जा रहा है, जिसके चलते नक्सली संगठन को कमजोर करने के लिए बस्तर पुलिस के जवान नई रणनीति के तहत एंटी नक्सल ऑपरेशन चला रहे हैं. इसके अलावा केंद्र सरकार से मिली सीआरपीएफ, आईटीपी और बीएसएफ के जवान भी लगातार नक्सलियों को बैकफुट पर लाने के लिए बेहतर तरीके से एंटी नक्सल ऑपरेशन चला रहे हैं, जिसके तहत जवानों को सफलता भी मिल रही है. इस वजह से नक्सली अपने प्लाटून को कमजोर होता देख अपने पीएलजीए सप्ताह के दौरान जगह-जगह पर्चा फेक युवक युवतियों को संगठन में भर्ती करने के लिए फरमान जारी कर रहे हैं, लेकिन बस्तर की जनता समझ चुकी है कि नक्सली विकास विरोधी हैं. यही वजह है कि अब बस्तर की जनता भी नक्सलियो का पुरजोर विरोध कर रही है और उनका साथ नहीं दे रही है. नक्सली अंतिम लड़ाई की और है और पुलिस की पूरी कोशिश है कि जल्द से जल्द बस्तर संभाग को पूरी तरह से नक्सल मुक्त किया जाए.