Kanker News: छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले के नक्सल प्रभावित कोयलीबेड़ा इलाके में सर्चिंग के दौरान बीएसएफ के जवानों ने नौ पाइप बम बरामद किए हैं. नक्सलियों ने जवानों को नुकसान पहुंचाने की नियत से ये पाइप बम प्लांट किए थे, लेकिन जवानों ने नक्सलियो के नापाक मंसूबो पर पानी फेर दिया है.
नाकाम की साजिश
दरअसल बीएसएफ की टीम नक्सल विरोधी अभियान के तहत सर्च ऑपरेशन पर निकली थी. इस दौरान जवानों को सूचना मिली कि नक्सलियों ने जुमड़ा के जंगलों में बड़ी संख्या में पाइप बम प्लांट कर रखे हैं. जिसके बाद जवानों ने सावधानी पूर्वक इलाके की सर्चिंग की और 10 से 15 किलो वजनी नौ पाइप बम बरामद किए. जिस तरह से नक्सलियों ने बड़ी संख्या में बम प्लांट कर रखा था उससे इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि नक्सली किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने की तैयारी में थे, लेकिन अब जवानों ने उनकी मंशा पर पानी फेर दिया है.
15 किलो वजनी 9 पाइप बम हुए बरामद
कांकेर जिले के एसपी शलभ सिन्हा ने जानकारी देते हुए बताया कि गर्मी का मौसम आते ही नक्सली इलाके में सक्रिय हो जाते हैं और समय देखकर इस तरह के पाइप बम और टिफिन बम को प्लांट करते हैं. घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र कोयलीबेड़ा में भी मंगलवार को बीएसएफ के जवानों द्वारा इस इलाके में सर्चिंग के दौरान सूचना मिली थी और इस सूचना के आधार पर जवानों की टीम ने नक्सलियों द्वारा प्लांट किए गए करीब नौ पाइप बम बरामद किया गया.
एसपी ने बताया कि इस पाइप बम से जवानों और वाहनों को बड़ा नुकसान पहुंच सकता था, लेकिन जवानों द्वारा इस पाइप बम को खोज निकाला गया. उन्होंने बताया कि लगातार कांकेर जिले में नक्सली फोर्स को नुकसान पहुंचाने के लिए साजिश रच रहे हैं और इसी के तहत इस पाइप बम को भी प्लांट कर रखा था.
टिफिन बम से ज्यादा घातक है
बताया जा रहा है कि पाइप बम टिफिन बम के मुकाबले काफी असरदार होता है. इस वजह से नक्सली अपनी रणनीति बदलते हुए अब अधिकतर जगहों पर पाइप बम प्लांट कर रहे हैं. इस पाइप बम में नक्सली बड़ी मात्रा में बारूद भरते हैं और जिलेटिन की संख्या भी अधिक होती है, ताकि ब्लास्ट काफी असरदार हो सके और ज्यादा से ज्यादा जवानों और पुलिस के वाहनों को नुकसान पहुंच सके. फिलहाल नक्सलियों के इस रणनीति को भांपते हुए बस्तर में तैनात जवान पूरी तरह से सतर्क हो गए हैं और जैसे ही जवानों को जानकारी मिलती है बड़ी सावधानी पूर्वक इस पाइप बम को निकालने का काम पुलिस के जवानों के द्वारा किया जाता है.
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