Chhattisgarh: फेमस हो रहा बस्तर का ये नया वाटरफॉल, चित्रकोट और तीरथगढ़ की तर्ज पर विकसित करने की मांग
Bastar Waterfall: देश में मिनी नियाग्रा के नाम से मशहूर चित्रकोट वाटरफॉल के अलावा चित्रकोट और तीरथगढ़ के बाद बीजाकासा वाटरफॉल पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र होगा.
Bastar News: प्रकृति की गोद में बसे छत्तीसगढ़ के बस्तर में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. कल-कल करती नदियां, एक से बढ़कर एक वाटरफॉल, घने जंगल और पहाड़ियों के बीच बसा बस्तर यहाँ देश दुनिया से पहुंचने वाले पर्यटकों का मन मोह लेती है. यहां के वाटरफॉल विश्व प्रसिद्ध हैं. इन वाटरफॉल में ऐसे भी वाटरफॉल हैं जो ठंड के मौसम में और नए साल के पहले बस्तर पहुंच रहे पर्यटकों के लिए पहली पसंद बनी हुई है. हालांकि पर्यटन स्थल के रूप में इस वाटरफॉल को विकसित नहीं किया गया है, लेकिन पर्यटकों का कहना है कि अगर जिला प्रशासन इस पर्यटन स्थल को विकसित करने पर ध्यान देती है तो निश्चित तौर पर चित्रकोट और तीरथगढ़ के बाद बीजाकासा वाटरफॉल पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र होगा.
चित्रकोट, तीरथगढ़ के बाद बीजाकासा बनी पहली पसंद
देश में मिनी नियाग्रा के नाम से मशहूर चित्रकोट वाटरफॉल के अलावा बस्तर जिले में 10 से ज्यादा वाटरफॉल हैं जो अपनी खूबसूरती की छटा बिखेरती है. इन वॉटरफॉलो में से एक है बिजाकासा जलप्रपात, लगभग 100 फीट ऊंचाई से गिरता यह वॉटरफॉल यहां पहुंचने वाले पर्यटकों का मन मोह लेता है. बस्तर में चित्रकोट, तीरथगढ़ वॉटरफॉल के बाद बिजाकासा वाटरफॉल को सबसे अधिक पसंद किया जा रहा है. हालांकि जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग ने अब तक इस खूबसूरत बिजाकासा जलप्रपात को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की कोई खास पहल नहीं की है. जिस वजह से कई पर्यटक इस वाटरफॉल के जानकारी के अभाव में इस खूबसरत वाटरफॉल को देखने से वंचित हो रहे हैं.
जानकारी के अभाव में कम संख्या में पहुंच रहे पर्यटक
जगदलपुर शहर से लगभग 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित बीजाकासा वॉटरफॉल की खोज स्थानीय ग्रामीणों ने ही की थी. इस वाटरफॉल की खोज किए डेढ़ साल से अधिक बीत चुके हैं, लेकिन पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन ने अब तक इस ट्यूरिमस स्पॉट को निखारने और पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. हालांकि स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा बस्तर कलेक्टर से मांग किए जाने के बाद वॉटरफॉल तक पहुंचने के लिए कच्ची सड़क बनाई गई है. स्थानीय युवा गार्ड के रूप में नियुक्त कुछ स्थानीय युवाओं को जलप्रपात में गार्ड के रूप में नियुक्त भी किया गया है, ताकि इस वॉटरफॉल को देखने पहुंच रहे पर्यटक किसी हादसे का शिकार ना हों. पर्यटन स्थल के रूप में विकसित नहीं हो पाने की वजह से और इस वॉटरफॉल की जानकारी के अभाव में हर रोज 20 से 30 पर्यटक ही यहां पहुंच रहे हैं. इनमें अधिकतर बस्तर के ही स्थानीय लोग हैं. वही अब दूसरे राज्य और अन्य जिलों के भी पर्यटकों को जानकारी लगने के बाद धीरे-धीरे यहां पहुंचने लगे हैं.
पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की जरूरत
वहीं, इस वॉटरफॉल को देखने पहुंच रहे पर्यटकों का कहना है कि बीजाकासा वॉटरफॉल चित्रकोट, तीरथगढ़ वॉटरफॉल के बाद सबसे अधिक मनमोहक और एडवेंचर्स की जगह है. यह वाटरफॉल बेहद खूबसूरत है और काफी बड़ा भी, लेकिन प्रशासन की उदासीनता के चलते इस वॉटरफॉल को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित नहीं किया जा सका है. पर्यटकों का कहना है कि अगर जिला प्रशासन इस वॉटरफॉल की ओर ध्यान देती है, तो निश्चित तौर पर बस्तर में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. केवल राज्य से ही नहीं बल्कि दूसरे राज्य और देश विदेशों से भी पर्यटक इस मनोरम वॉटरफॉल को देखने पहुंच सकेंगे. यह वॉटरफॉल पहाड़ी क्षेत्र में होने की वजह से यहां सुरक्षा के लिहाज से रेलिंग के साथ की लाइट की व्यवस्था कैंटीन, टॉयलेट और चेंजिंग रूम होना जरूरी है. इसके साथ ही जल्द से जल्द पहुंच मार्ग बनाने की भी आवश्यकता है. साथ ही इस वॉटरफॉल के आसपास और भी बेहतर पिकनिक स्पॉट तैयार किये जा सकते है.