छत्तीसगढ़: शराब के ठेके की बजाय रोजगार कार्यालय को हटाने का फरमान जारी, जानें पूरा मामला
अंबिकापुर के गंगापुर में कई सालों से शराब के ठेके को हटाने की मांग की जा रही थी, लेकिन जिला प्रशासन की ओर से ठेके साथ लगे रोजगार कार्यालय को हटाने का फरमान जारी किया गया है.
सरगुजा (Sarguja) जिले के अंबिकापुर में जिला प्रशासन के एक आदेश ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी. अंबिकापुर के लोग कई सालों से शराब के एक ठेके को हटाने की मांग कर रहे थे, लेकिन जिला प्रशासन से आए एक आदेश ने लोगों की परेशानियों को दोगुना कर दिया. दरअसल, जिलाधिकारी ने ठेके के बराबर में स्थित रोजगार कार्यालय को ही हटाने का फरमान जारी कर दिया. अपने इस अजीबो-गरीब आदेश को लेकर प्रशासन ने सफाई भी दी है.
सरगुजा जिले के कलेक्टर संजीव कुमार झा ने बताया कि नगर निगम क्षेत्र से एक आवेदन प्राप्त हुआ है कि गंगापुर मे संचालित रोजगार कार्यालय शहर से थोड़ा दूर है और वहां पर लोगों को असुविधा होती है. इसीलिए लोगों की मांग है कि रोजगार कार्यालय शहर मे होना चाहिए. यदि संभव हो तो कलेक्ट्रेट बिल्डिंग मे हो. जिसके आधार पर ये निर्णय लिया गया है. गौरतलब है कि गंगापुर के लोग शराब की दुकान हटाने को लेकर प्रदर्शन भी कर चुके हैं.
शराब की सरकारी दुकान अंतरराज्यीय बस स्टैंड के चंद फासले पर गंगापुर में है. नेशनल हाइवे और रिहायशी इलाके से शराब दुकान हटाने की होड़ में जिला प्रशासन ने ठेका को गंगापुर के उस स्थान पर संचालित करवाना शुरु कर दिया था जिसके ठीक बाजू मे पहले से ही रोजगार कार्यालय संचालित हो रहा था.
शुरुआत से ही विवादों मे घिरी इस शराब दुकान को हटवाने के लिए स्थानीय महिलाओं के साथ-साथ कुछ महिला संगठनों ने हंगामा किया था. उनका ये आंदोलन अभी कुछ महीने पहले भी जारी था. जिसको देखते हुए करीब 1 महीने पहले पुलिस बल ने शराब दुकान के पास संचालित अवैध चखना सेंटरो को हटाने का काम किया था. जिसके बाद पुलिस की इस कार्यवाही पर भी सवाल उठना शुरु हो गया था.
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