Bastar News:  छत्तीसगढ़ के बस्तर में बदलते मौसम ने किसानों को मुश्किल में डाल दिया है. दरअसल इस समय पूरे छत्तीसगढ़ में धान की खरीद चल रही है, लेकिन बस्तर में हो रही बेमौसम बरसात ने किसानों के लिए आफत खड़ी कर दी है. आलम ये है कि सैकड़ों किसान बिना धान बेचे ही बिक्री केंद्रों से वापस लौट रहे हैं. पिछले कुछ दिनों से बस्तर में बारिश के कारण धान की खरीद बुरी तरह प्रभावित हुई है.


पिछले सप्ताह से धान की खरीदी प्रभावित 


 बस्तर में पिछले सप्ताह भर बादल छाए रहे और कई इलाकों में हल्की बारिश भी हुई. अभी भी कुछ इलाकों में हल्की बारिश हो रही है जिससे धान की खरीद प्रभावित हो रही है.  किसान चाहते हैं कि बारिश से धान भीगने से पहले इन्हें खरीदी केंद्रों में बेच दें ताकि उनको किसी प्रकार से नुकसान ना झेलना पड़े..लेकिन पिछले कुछ दिनों से रात में अचानक हो रही बारिश की वजह से कई खरीदी केंद्रों पर धान भीगने की जानकारी मिल रही है. वहीं जिला सहकारी बैंक के अधिकारियों का कहना है कि बारिश से निपटने के लिए केंद्रों में पूरी तरीके से तैयारियां की जा चुकी हैं. बावजूद इसके जिले के अलग-अलग इलाक़ों में  किसानों से धान नहीं खरीदने से उन्हें वापस लौटना पड़ रहा है. कई किसान परेशान होकर नाराजगी भी व्यक्त  कर रहे हैं..


खरीदी केंद्रों  से मायूस लौट रहे किसान 
धान खरीदी केंद्रों में अपना धान बेचने आने वाले किसानों का कहना है कि कई दिनों से वे खरीदी केंद्रों का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन प्रबंधक द्वारा आजकल करते हुए उन्हें वापस भेज दिया जा रहा है. यही नहीं बारिश की वजह से उनके घर में रखा धान भी भीग रहा है. कुछ जगहों पर धान बेचने आ रहे किसानों के धान को भीगा हुआ धान कह कर रिजेक्ट कर दिया जा रहा है, जबकि किसान अच्छा धान ला रहे हैं लेकिन केंद्रों में धान नहीं खरीदा जा रहा है.


जमीन गीली होने का हवाला दे रहे प्रबंधक
जिला सहकारी बैंक के मुख्य पर्यवेक्षक एस. रज़ा का कहना है कि बारिश से जमीन गीली होने की वजह से अभी किसानों से धान खरीदी नहीं की जा रही है...  आनन-फानन में लिए गए इस फैसले ने किसानों के लिए काफी मुसीबत खड़ी कर दी है. किसान अपने धान लेकर केंद्र तक पहुंच तो रहे हैं लेकिन उन्हें केंद्र प्रबंधक वापस भेज दे रहे हैं जिससे किसानों को काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है. सवाल यह है कि जब बारिश से निपटने पूरी व्यवस्था दुरुस्त कर ली गई थी, फिर किसानों के धान क्यों नहीं लिए जा रहे हैं. बारिश से जमीन गीली भी हो रही है तो ताल पत्री बिछाकर किसानों से धान खरीदी किया जाना चाहिए... इधर राज्य सरकार  किसानों की सुविधा के लिए पूरी व्यवस्था करने का दावा कर रही है लेकिन बस्तर के हालात कुछ और ही बयां कर रहे हैं...


भानपुरी धान खरीदी केंद्र में कुल 1600 किसानों के रजिस्ट्रेशन हुए हैं जिसमें अब तक 363 किसानों ने अपना धान बेच दिया है. केंद्र प्रभारी का कहना है कि अचानक हुई बारिश की वजह से कुछ दिनों से खरीदी नहीं की जा रही है. सिर्फ एक लैम्प्स से ही 50 किसानों को वापस भेज दिया गया है. इसके अलावा भानपुरी के आसपास खरीदी केंद्रों का भी यही हाल है. मुंडागांव, चपका, केशरपाल, घोटिया, देवड़ा में भी धान की खरीदी नहीं हो रही है. लगभग सैकड़ों किसानों को निराश होकर खरीदी केंद्रों से वापस जाना पड़ रहा है.


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