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Chhattisgarh News: सरगुजा और बस्तर में लोगों को बूस्टर डोज लगवाने के लिए खर्च करने पड़ेंगे ज्यादा पैसे, ये है वजह
Chhattisgarh News: 18 से 59 साल के लोगों को बूस्टर डोज लगाने का जिम्मा सिर्फ निजी अस्पतालों को दिया गया है और छत्तीसगढ़ में सिर्फ तीन जिलों के निजी अस्पतालों में बूस्टर डोज लगाया जा रहा है.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में कोरोनावायरस (Coronavirus) के मामले काफी कम हो गए हैं, हालांकि कुछ दिनों पहले अचानक कोरोना केस बढ़ने के बाद राज्य सरकार ने सार्वजनिक जगहों पर फिर से मास्क अनिवार्य कर दिया है. इसके अलावा कोरोना से बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग लगातार पात्र और छूटे हुए लोगों का वैक्सीनेशन कर रही है. वहीं वैक्सीन के दोनों डोज लगवा चुके लोगों को बूस्टर डोज (Booster Dose) लगाया जा रहा है, लेकिन सरगुजा (Sarguja) और बस्तर (Bastar) संभाग के 18 से 59 साल की उम्र के लोगों को बूस्टर डोज लगवाने के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे.
दरअसल 18 से 59 साल के लोगों को बूस्टर डोज लगाने का जिम्मा सिर्फ निजी अस्पतालों को दिया गया है और छत्तीसगढ़ में सिर्फ तीन जिलों के निजी अस्पतालों में बूस्टर डोज लगाया जा रहा है. इसमे रायपुर, दुर्ग और बिलासपुर के निजी अस्पताल शामिल हैं. इन तीनों जिलों के 5 से 6 निजी अस्पताल बूस्टर डोज लगा रहे हैं. इसके अलावा राज्य के 25 जिलों में बूस्टर डोज नहीं लगाया जा रहा है, जहां के लोगों को अगर बूस्टर डोज लगवाना है तो दूसरे जिले में जाना पड़ेगा.
सरगुजा और बस्तर क्षेत्र के लोगों को होगी सबसे ज्यादा दिक्कत
वहीं अगर सरगुजा और बस्तर संभाग के लोगों को बूस्टर डोज लगवाना है तो पूरे दो दिन इसी काम के लिए निकालना पड़ेगा. यहीं नहीं हजारों रुपये खर्च भी करने पड़ेंगे, जबकि बूस्टर डोज टीके की कीमत सिर्फ 386 रुपये हैं. सबसे बड़ी समस्या सरगुजा और बस्तर क्षेत्र वालों के लिए ही है. इन दोनों संभागों के बलरामपुर, सूरजपुर, कोरिया, जशपुर, सरगुजा, दंतेवाड़ा, नारायणपुर, बीजापुर, बस्तर, कोंडागांव वासियों को बूस्टर डोज लगवाने के लिए रायपुर और दुर्ग जैसे शहरों में जाना पड़ेगा, जो काफी दूर है. यहां आवागमन का साधन बस या ट्रेन है.
ऐसे में सरगुजा से रायपुर जाना हो तो 12 घंटे लग ही जाएंगे या बिलासपुर जाना हो तो 6 से 8 घंटे लग जाएंगे. बस किराया आने-जाने का लगभग एक हजार रुपये के करीब है. वहां जाने के बाद ऑटो और वहां ठहरने खाने का खर्च भी करीब एक हजार रुपये हो जाएंगे. इस तरह पर व्यक्ति पर लगभग दो हजार रुपये का खर्च है, जबकि टीके की कीमत जीएसटी मिलाकर सिर्फ 386 रुपये हैं. ऐसे ही बस्तर क्षेत्र के लोगों को अगर रायपुर आना पड़ेगा तो 400 किलोमीटर का सफर तय करना पड़ेगा. बस किराया लगभग 800 है. मतलब आने-जाने का खर्च 1600 रुपये पड़ जाएगा और समय भी दो दिन लग जाएंग.
इन अस्पतालों में लग रहे हैं बूस्टर डोज
ऐसे में सरगुजा और बस्तर संभाग के 18 से 59 साल के लोगों को बूस्टर डोज लगवाना है तो रायपुर, बिलासपुर और दुर्ग जैसे शहरों में आना पड़ेगा, जहां बूस्टर डोज तो सिर्फ 386 रुपये में लगेगा, लेकिन आने-जाने और रहने का खर्च दो हजार रुपये के करीब पहुंच जा रहा है, जो चिंता का विषय है. गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में 18 से 59 साल के लोगों को बूस्टर डोज रायपुर के एमएमआई नारायणा, दुर्ग में वर्धमान अस्पताल, भिलाई में शंकराचार्य अस्पताल और बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में लगाया जा रहा है. इनके अलावा प्रदेश के कोई अस्पताल रुचि नहीं ले रहे हैं.
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