भिलाई में कांग्रेस पार्षद सूरज बंछोर हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा कर दिया है. हत्याकांड के एक हफ्ते बाद पुलिस ने चार आरोपियों को धर दबोचा है. आरोपियों के पास से हथियार बरामद किए गए हैं. पुलिस के मुताबिक, वारदात को पुरानी रंजिश के चलते अंजाम दिया गया था.


मामूली विवाद बना हत्या का कारण
पुलिस के मुताबिक, हत्या के पीछे मामूली विवाद था. दरअसल, आरोपी दीनू पाल को एक साल पहले कट्टा रखने के मामले में पुलिस ने गिरफ्तार किया था. बताया जा रहा है कि दीनू ने पार्षद सूरज बंछोर के कहने पर कट्टा अपने पास रखा था, लेकिन सूरज ने उसकी मदद नहीं की थी. इतना ही नहीं, सूरज ने राजनीतिक दबाव के जरिए दीनू का ठेला तक हटवा दिया था. इसी के बाद से दीनू सूरज बंछोर की हत्या की फिराक में था. दीनू पाल ने पार्षद की हत्या के लिए अपने साथी पुरुषोत्तम उर्फ बड्डा, दीपक उर्फ भूरवा का सहारा लिया था जबकि खुर्सीपार के मोहन ने उसे कट्टा दिया था. आरोपी दीनू और दीपक सारंगढ़ ने भिलाई से आकर पार्षद की हत्या की वारदात को अंजाम दिया.


जिस जगह पर पार्षद सूरज बंछोर की हत्या हुई थी. उस जगह से कुछ ही दूरी पर जुआ चल रहा था. इसीलिए दुर्ग पुलिस ने कई जुआरियों से भी पूछताछ की थी. हत्याकांड के बाद से ही दुर्ग पुलिस लगातार 6 टीम बनाकर अलग-अलग एंगल पर जांच कर रही थी. तभी पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि मुख्य आरोपी दीनू समेत तीन आरोपी जांजगीर चांपा के शक्ति इलाके में एक घर में छिपे हुए हैं. पुलिस की एक टीम लगातार आरोपियों की गतिविधियों पर नजर रख रही थी. जैसे ही आरोपी उस घर से बाहर निकले तभी पुलिस ने उन तीनों को धर दबोचा.


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