छत्तीसगढ़ का बस्तर जिला बीते चार दशकों से नक्सलवाद का दंश झेल रहा है. नक्सलियों ने बस्तर और उसके आस-पास के जिलों में जमकर आतंक मचाया. हालांकि, बीते दो सालों में यहां की तस्वीर कुछ बदल गई है. जवानों द्वारा लगातार चलाए गए अभियान के बाद नक्सली यहां अब बैकफुट पर हैं. बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने बीते 2 वर्षों का आंकड़ा जारी किया है. आंकडों के जरिए जानकारी दी गई कि इन दो सालों पर नक्सलियों पर किस तरह कार्रवाई की गई है.


बीते दे सालों में कई हार्डकोर नक्सली विभिन्न मुठभेड़ों में मारे गए. इसके साथ ही 25 अत्याधुनिक हथियार भी बरामद किए गए. इतना ही नहीं, इन मारे गए नक्सलियों में नक्सली संगठन के कई बड़े लीडर भी शामिल हैं, जिन पर लाखों रुपये का इनाम घोषित कर रखा था. सुंदरराज पी ने बताया कि बीते 2 वर्षों में बस्तर पुलिस को नक्सल विरोधी अभियान में काफी सफलता मिली है. इन 2 सालों में नक्सल वारदातों में कुल 565 घटना दर्ज हैं, जिनमें 236 मुठभेड़ हुई हैं. इन मुठभेड़ों में 86 नक्सलियों को पुलिस के जवानों ने मार गिराया है. मारे गए नक्सलियों में से कई पर 1 लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक का इनाम था. इसके अलावा कई इनामी नक्सलियों ने भी बस्तर पुलिस के समक्ष समर्पण किया है.


863 नक्सलियों ने किया सरेंडर
बीते दो सालों में 863 नक्सली बस्तर पुलिस के सामने सरेंडर कर चुके हैं. इसके अलावा 8 लाख रुपये के इनामी नक्सली के साथ ही कुल 909 नक्सलियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. 2 सालों में 158 हथियार भी पुलिस ने नक्सलियों के पास से बरामद किए हैं. इनमें 25 से अधिक अत्याधुनिक हथियार हैं, जिनमें एके-47, इंसास, एसएलआर और यूबीजीएल भी शामिल है। हालांकि इस दौरान बस्तर पुलिस के 76 जवान और 88 आम नागरिक भी मारे गए हैं.


बस्तर आईजी ने कहा कि साल 2020-21 और साल 2021-22 बस्तर पुलिस के लिए सफलता भरा रहा क्योंकि इन 2 सालों में अत्यधिक नक्सलियों को मार गिराने के साथ ही पुलिस घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में डेरा डालने के साथ ही नए पुलिस कैंप भी स्थापित किए हैं.


आईजी ने कहा कि बस्तर को नक्सल मुक्त बनाने के लिए लगातार अंदरूनी क्षेत्रों में सुरक्षाबल नक्सल ऑपरेशन चला रही हैं. इसके अलावा 30 से अधिक नए पुलिस कैंप खोलने के साथ ही स्थानीय युवाओं को रोजगार दिलाने के उद्देश्य और बस्तर को पूरी तरह से नक्सल मुक्त बनाने के लिए पुलिस में भर्ती भी की जा रही है. 


बस्तर में सभी बड़े हमले मार्च और जुलाई महीने के बीच में ही हुए हैं. जिसके बाद नक्सली मानसून में सुरक्षित जगहों पर अपने लड़ाकू को तैयार करना और हमले को लेकर रणनीति बनाते हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से पुलिस ऑपरेशन मानसून चलाकर भी नक्सलियों के ठिकाने पर पहुंचकर उनका सफाया कर रही है. आईजी का कहना है कि बीते 2 वर्षों में बस्तर में नक्सलवाद काफी बैकफुट पर नजर आया है. इसके साथ ही बस्तर में तैनात जवानों ने नक्सलियों को एक सीमित क्षेत्र में सिमटने को मजबूर कर दिया है. अब जल्द ही बस्तर पुलिस कांकेर, नारायणपुर, बारसूर से लगे माड़ इलाकों में ऑपरेशन चलाएगी और नक्सलियों का गढ़ कहे जाने वाले इन माड़ एरिया में नक्सलियों का सफाया किया जाएगा.


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