Korba News: सड़क पर चलने वाले लोगों को कोरबा जिला पुलिस द्वारा लगातार समझाइश दी जा रही है लेकिन समझाइश का कोई असर बाइक चालकों में नहीं दिख रहा था. खासतौर पर बुलेट चलाने वाले लोग मॉडिफाई साइलेंसर लगाकर ही शहर में फर्राटे भर रहे थे. ऐसे फर्राटे भरने वाले चालकों पर एसपी ने अपनी नजरें तिरछी कर ली है. इस कड़ी में गुरुवार को जिला पुलिस की टीम ने संयुक्त अभियान चलाया और मॉडिफाई साइलेंसर लेकर दौड़ने वाले बुलेट चालकों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए 127 से अधिक बुलेट चालकों का साइलेंसर निकलवाया गया तो वहीं दूसरी 72 प्रेशर हॉर्न भी निकालकर उनके खिलाफ कार्रवाई भी की गई है. यह अब तक की जिला पुलिस की सबसे बड़ी कार्यवाही बताई जा रही है.
गौरतलब है कि पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला द्वारा जिले में लोगों को यातायात नियमों का पालन करने की लगातार अपील की जा रही थी और खासतौर पर सड़कों पर फर्राटे भरने वाले बुलेट चालक जो मॉडिफाई साइलेंसर लेकर फर्राटे भर रहे थे. उन्हें कई बार समझाइश भी दी गई थी लेकिन इसके बाद भी वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे थे. पुलिस अधीक्षक जितेंद्र शुक्ला ने गुरुवार को जिले के सभी थाना व चौकी प्रभारी को मॉडिफाई साइलेंसर लेकर वाहन दौड़ने वाले चालकों पर ताबड़तोड़ कार्रवाई करने का फरमान जारी किया था. जिसके बाद जिला पुलिस की टीम गुरुवार की सुबह से ही ऐसे मॉडिफाई साइलेंसर लेकर सड़क पर दौड़ने वाले चालक को खोजते नजर आए और एक-एक कर पुलिस ने शहर उपनगरीय क्षेत्र में ताबड़तोड़ कार्रवाई व उपनगरीय की और उनके साइलेंसरों को मौके पर ही उतारने की कार्रवाई की गई. ऐसे लगभग 127 से अधिक बुलेट चालकों पर कार्रवाई की गई है जो मॉडिफाई साइलेंसर लेकर सड़कों पर फर्राटा भर रहे थे. बताया जाता है कि इस कार्रवाई से बुलेट चलाने वाले चालकों में हड़कंप मचा हुआ है.
पटाखा की आवाज सबसे ज्यादा करती है तंग
कोरबा शहर में दर्जनों मनचले युवक हैं, जिन्होंने मॉडिफाई साइलेंसर के साथ अपनी बुलेट के साइलेंसर में पटाखे निकलने वाली आवाज की मशीनरी फिट कर रखे है. जहां उनके द्वारा शहर के अलग-अलग क्षेत्र में भ्रमण के दौरान खासतौर पर जब युवतियां सड़क पर होती है तो उनके पास पहुंचते ही पटाखे की आवाज निकालते हैं. जिससे आम राहगीरों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. कई बार तो ऐसी स्थिति हो जाती है कि पटाखे की आवाज निकालने की वजह से लोग सकते में आ जाते है. ऐसे लोगों पर कार्यवाही से निश्चित तौर पर पुलिस का शिकंजा कसेगा. साथ ही साइलेंसर निकालने के अलावा ऐसे पटाखे व मॉडिफाई साइलेंसर बेचने वाले विक्रेताओं के खिलाफ भी कार्यवाही करनी चाहिए ताकि ऐसे साइलेंसर की बिकी ही ना हो.
इन स्थिति पर होगी कार्यवाही
उच्च न्यायालय ने पुलिस को जो निर्देश दिया है उसके मुताबिक थानावार सूची बनाई जाए जिसमें मालिक का विवरण, डीजे की जानकारी, प्रेशर हार्न, सायलेंसर की जानकारी रहें एवं नियम विरुद्ध डीजे/प्रेशर हार्न उपयोग करने वाले के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही किए जाने, ध्वनि प्रदूषण संबंधित प्रावधानों का पहली बार उल्लंघन किया जा रहा है अथवा दूसरी बार, यदि पहली बार उल्लंघन किया है तो उसे ऑनलाइन दर्ज करें ताकि, दूसरी बार उल्लंघन होते ही पता चले, क्योंकि पहली बार संबंधित न्यायालय में सुनवाई होगी लेकिन दूसरी बार उल्लंघन पाए जाने पर उच्च न्यायालय के समक्ष सुनवाई होगी, ध्वनि मापक यंत्र से साक्ष्य एकत्रित किया जाए. विडियोगाफी से भी साक्ष्य लिया जाए और उसे संबंधित प्रकरण के साथ प्रस्तुत किए जाने, बिना अनुमति के मोडिफाइड वाहनों पर तत्काल कार्यवाही की जावे, यदि वाहन अनुमति का है और उसके ध्वनि प्रदूषण किया जा रहा है तो उस पर भी कार्यवाही होगी. ऐसे ध्वनि प्रदूषण फैलाने वाले यंत्र को वाहन से उतरवाया जाए, सख्ती से कार्यवाही किया जाए. वाहनों के विरुद्ध पहले से कार्यवाही की जावेगी तो ज्यादा असरकारण होगी संबंधी निर्देश दिए गए है.
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