छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कांकेर जिले में एक साथ 62 गांवों की बिजली काटने के मामला सामने आया है. इस मामले की शिकायत के बाद छत्तीसगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड ने पखांजूर के कार्यपालन अभियंता आरके चौहान को निलंबित कर दिया है. इसके लिए कंपनी के निदेशक हर्ष गौतम ने निलंबन आदेश सोमवार को जारी कर दिया है.


पूराने सरकुर्ल के तहत काटी गई थी लाइन


दरअसल हाल ही में पखांजूर के कार्यपालन अधिकारी ने 62 गांवों की बिजली काटने का आदेश दिया था. इसके लिए मध्य प्रदेश विद्युत मंडल की ओर से साल 2000 में जारी एक सर्कुलर के आधार पर अधिकारी ने आदेश जारी किया था. इसके मुताबिक जिन गांवों में 50 प्रतिशत कम राजस्व वसूली होगी, वहां की बिजली काटने का प्रावधान है. लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग के गठन के बाद पहले के सर्कुलर समाप्त हो चुके हैं. इसलिए कार्यलापन अभियंता के कार्यवाही को गैर कानूनी बता कर अधिकारी को निलंबित किया गया है.


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कार्यपालन अभियंता निलंबित


छत्तीसगढ़ स्टेट पावर डिस्ट्रीब्यूशन कम्पनी लिमिटेड के प्रबंध निदेशक हर्ष गौतम के निर्देश के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग के गठन के बाद से सप्लाई कोड ही मूल आधार होता है. उस सप्लाई कोड के आने के बाद पुराने सरक्यूर्लर/नियम खुद ही खत्म हो चुके हैं. कार्यपालन अभियंता के द्वारा जो कार्यवाही की गई है, उसे विभाग द्वारा विधि सम्मत न पाये जाने पर उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है और उनका निलंबन अवधि में मुख्यालय कार्यपालक निदेशक जगदलपुर निर्धारित किया गया है.


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इन इलाकों में काटी गई थी बिजली


गौरतलब है की पिछले सप्ताह पखांजूर उपकेंद्र के तहत 10 लाख से अधिक राशि के बकाया वाले गांवों पीवी 127,21,22,23,38,40 और 41 की लाइन काट दी गई थी. वहीं मथुरा उप केंद्र में भी 10 लाख से अधिक वसूली बचे हुए गांव की लाइन कटी गई थी. बांदे क्षेत्र में 17 गांव, बड़गांव इलाके में 11 गांव इसके अलावा छोटे बेठिया इलाके में 8 गांव और कपासी उपकेंद्र के तीन गांवों की लाइन काटी गई थी.