Chhattisgarh: अयोध्या की तर्ज पर बस्तर में भी मंदिर निर्माण की तैयारी? BJP नेता ने दान की एक एकड़ जमीन
Bastar Ram Mandir: बस्तर के आदिवासी नेता पूर्व बीजेपी विधायक राजाराम तोड़ेम अयोध्या में बन रहे भव्य मंदिर से प्रभावित होकर जगदलपुर में अपने 1 एकड़ 38 डिसमिल जमीन मंदिर बनाने के लिए डोनेट की है.
Bastar News: अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला के मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा को लेकर छत्तीसगढ़ के बस्तरवासियों में भी काफी खुशी का माहौल है और पूरा बस्तर राममय हो गया है. बस्तर के आदिवासी नेता पूर्व बीजेपी विधायक राजाराम तोड़ेम भी अयोध्या में बन रहे भव्य मंदिर से प्रभावित होकर जगदलपुर में अपने 1 एकड़ 38 डिसमिल जमीन में अयोध्या मंदिर की डिजाइन में ही मंदिर बनाने के लिए जमीन डोनेट की है, और मंदिर बनाने के लिए ट्रस्ट के माध्यम से बस्तरवासियो से दान की अपील की है.
राजाराम तोड़ेंम का कहना है कि छत्तीसगढ़ के बस्तर में दूसरा अयोध्या मंदिर बनाने का प्रयास किया जा रहा है. शहर से लगे घाट लोहंगा गांव में करीब डेढ़ एकड़ जमीन पर अयोध्या की तर्ज पर प्रभु श्री राम के मंदिर का निर्माण काम किया जाएगा. मंदिर का स्ट्रक्चर अयोध्या के श्री राम मंदिर की तरह होगा, हालांकि इसका आकार छोटा होगा. इसके लिए उन्होंने अपनी डेढ़ एकड़ जमीन दान की है. उनका कहना है कि बस्तर में अयोध्या की तरह छोटे आकार में मंदिर बनने से भगवान राम के प्रति बस्तर के आदिवासियो की प्रभु श्री राम पर आस्था और गहरी होने के साथ बस्तर में हो रहे धर्मांतरण पर भी रोक लगेगी, साथ ही बस्तर के आदिवासियों को भगवान राम की आस्था से जोड़े रखना है.
2003 से मंदिर बनाने का कर रहे प्रयास
दरअसल, प्रभु श्री राम का बस्तर से एक खास नाता रहा है. अपने वनवास काल के दौरान भगवान राम ने ज्यादातर समय बस्तर जिसे पहले दंडकारण्य कहा जाता था, यहां के जंगलों में बिताया है. अब बस्तर की जीवनदायिनी कही जाने वाली इंद्रावती नदी के किनारे बसे घाट लोहंगा गांव में मंदिर बनेगा. खास बात है कि इस मंदिर में भगवान राम के वनवास काल के दौरान बस्तर से जुड़ी कहानियों को चित्रों और मूर्तियों के रूप में उकेरा जाएगा. रायपुर-जगदलपुर नेशनल हाईवे पर इंद्रावती नदी के किनारे घाट लोहंगा गांव बसा हुआ है. जगदलपुर से इस गांव की दूरी लगभग 10 किमी है. दिवासी नेता और पूर्व बीजेपी विधायक राजाराम तोड़ेम ने साल 2003 में यहां करीब 1 एकड़ 38 डिसमिल जमीन खरीदी थी, उन्होंने उसी समय मन बनाया था कि यहां भगवान श्री राम का मंदिर बनाया जाएगा. हालांकि, पैसों की कमी की वजह से काम शुरू नहीं हो पाया था.
चैत्र नवरात्रि पर रखी जाएगी मंदिर की नींव
आदिवासी नेता राजाराम तोड़ेम ने बताया कि साल 2007 में जमीन के एक हिस्से में हनुमान भगवान का मंदिर बनाया था. उन्होंने बताया कि, उस इलाके में हनुमान भगवान का यह पहला मंदिर है, लोगों की आस्था भी जुड़ी, लेकिन उस समय भी भगवान राम का मंदिर बनाने का काम शुरू नहीं हो पाया. अब साल 2007 के बाद साल 2023 के शारदीय नवरात्र में राम मंदिर बनाने की नींव रखी गई है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो साल 2024 के चैत्र नवरात्र से काम भी शुरू किया जा सकता है.
राजाराम ने कहा कि सबसे पहले हनुमान भगवान के मंदिर का जीर्णोद्धार किया जाएगा, फिर अयोध्या में बने भगवान श्री राम के मंदिर का हूबहू स्ट्रक्चर बनाने की प्लानिंग तैयार की गई है. आर्किटेक्ट से डिजाइन बनवाई जा रही है, हालांकि, इस मंदिर का आकार अयोध्या से छोटा रहेगा. उन्होने बताया कि जब भगवान श्री राम अपने वनवास काल के दौरान दंडकारण्य आए थे तो उस समय वे जिन-जिन जगहों पर गए थे, उनसे जुड़ी किवदंतियां-कहानियों को मूर्तियों और चित्रों के माध्यम से उकेरा जाएगा, ताकि नई पीढ़ी को भी जानकारी मिल सके कि भगवान राम ने अपने वनवास के दौरान दंडकारण्य यानी की बस्तर में किन किन स्थानों में समय बिताया था.