Chhattisgarh के आदिवासी युवाओं के लिए CRPF में भर्ती हुई आसान, केंद्रीय कैबिनेट ने एजुकेशनल क्राइटेरिया में दी ढील
छत्तीसगढ़ के तीन नक्सल प्रभावित जिलों के युवाओं के लिए सीआरपीएफ में नौकरी मिलने में आसानी होगी. दरअसल केंद्र सरकार ने कॉन्स्टेबल पद पर भर्ती के लिए पात्रता मानदंड में ढील दे दी है.
CRPF Recruitment: छत्तीसगढ राज्य के राज्य के नक्सल प्रभावित इलाकों बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा में स्थानीय आदिवासी युवकों की सीआरपीएफ में कॉन्स्टेबल के तौर पर भर्ती के लिए एजुकेशनल क्वालिफिकेश में ढील दे दी गई है. दरअसल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में बुधवार को छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के तीन माओवादी प्रभावित जिलों के आदिवासी युवाओं के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF)) में शामिल होने के लिए पात्रता मानदंड (Eligibility Criteria) में ढील देने की घोषणा की गई.
CRPF में भर्ती के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता में ढील देने का प्रस्ताव मंजूर
गृह मंत्रालय (MHA) ने बुधवार को कहा कि, “मंत्रिमंडल ने दक्षिण छत्तीसगढ़ के तीन जिलों- बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा से सीआरपीएफ में कांस्टेबल (सामान्य ड्यूटी) के रूप में 400 उम्मीदवारों की भर्ती के लिए कक्षा 10 से कक्षा 8 तक आवश्यक न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता में ढील देने के अपने प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है.”
2016-17 में भी किया गया था ऐसा प्रयास
बता दें कि 2016-17 में, सीआरपीएफ ने एक बस्तरिया बटालियन बनाई थी, जिसमें मुख्य रूप से राज्य के बस्तर क्षेत्र के बीजापुर, दंतेवाड़ा, नारायणपुर और सुकमा जिलों से युवाओं की भर्ती की गई थी, सरकार ने तब स्थानीय लोगों को बल में शामिल होने में मदद करने के लिए भर्ती के लिए विशिष्ट भौतिक विशेषताओं की कई आवश्यकताओं में ढील दी थी. इस कदम का उद्देश्य बल में भाषा, संस्कृति, स्थलाकृति और जनसांख्यिकी के स्थानीय ज्ञान वाले लोगों को शामिल करना था ताकि इसके खुफिया संग्रह और संचालन को मजबूत किया जा सके.
गृह मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि यह प्रयास कोई खास परिणाम नहीं दे सका था क्योंकि बहुत से युवा न्यूनतम मूल शैक्षणिक योग्यता पात्रता मानदंड को पूरा नहीं कर सके, जो कि कक्षा 10 थी,
नए पात्रता मानदंड के तहत भी 10 पास होना अनिवार्य
हालांकि नए पात्रता मानदंड के तहत रंगरूटों को बल में शामिल होने के बाद भी कक्षा 10 पास करना अनिवार्य होगा, इस प्रयास में उनकी मदद करने की जिम्मेदारी सीआरपीएफ की होगी. गृह मंत्रालय के अनुसार, 10वीं पास करने के बाद ही नए रंगरूटों को सर्विस में कंफर्म किया जाएगा.
जरूरी होने पर अवधि में उपयुक्त विस्तार किया जा सकता है
मंत्रालय ने कहा कि, "इस प्रकार इन रंगरूटों को फॉर्मल एजुकेशन दी जाएगी और सीआरपीएफ उनके प्रोबेशन पीरियड के दौरान अध्ययन सामग्री, किताबें और कोचिंग सहायता प्रदान करने जैसी हर संभव सहायता प्रदान करेगी. " इतना ही नहीं निर्धारित एजुकेशनल क्वालिफिकेशन हासिल करने में नए प्रशिक्षुओं की सुविधा के लिए जरूरी होने पर अवधि में उपयुक्त विस्तार भी किया जा सकता है.
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