Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के जशपुर (Jashpur) में खाद्यान्न अफरा तफरी के मामले में पंचायत सचिव (Panchayat Secretary) के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज होने पर बवाल मच गया है. सचिव संघ (Secretary Union) ने एफआईआर दर्ज करवाने वाली फूड इंस्पेक्टर (Food Inspector) के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और एफआईआर निरस्त करने की मांग की है. सचिव संघ ने यह चेतावनी भी दी है कि अगर उनकी मांग को नजरंदाज किया गया तो काम बंद और कलम बंद हड़ताल (Strike) की जाएगी. मामला बगीचा ब्लॉक के ग्राम पंचायत फूलझर का है.


कुछ दिन पहले ग्राम फूलझर में खाद्यान्न की अफरा तफरी का मामला सामने आया था. कलेक्टर के निर्देश पर इस मामले की जांच की गई, जिसके बाद जिले की फूड इंस्पेक्टर चंपाकली दिवाकर ने ग्राम के सरपंच, सचिव, पीडीएस विक्रेता और स्कूल के शिक्षक समेत खाद्यान्न परिवहन करने वाले चालक और वाहन स्वामी के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज कराया था. वहीं, इस कार्रवाई के बाद सचिव संघ ने पंचायत सचिव पर फर्जी तरीके से एफआईआर दर्ज कराने का आरोप लगाया है.


सचिव संघ ने की यह मांग


बता दें कि पंचायत में ग्राम सभा के द्वारा पीडीएस विक्रेताओं की नियुक्ति हुई है. गांव में पीडीएस के खाद्यान्न वितरण, भंडारण और भुगतान से संबंधित सारी जवाबदेही विक्रेता की होती है. ऐसे में सचिव पर एफआईआर दर्ज होने के बाद सचिव संघ ने इसे फूड इंस्पेक्टर की वैमनस्यता पूर्ण कार्रवाई बताते हुए तत्काल एफआईआर निरस्त करते हुए विवादित फूड इंस्पेक्टर चंपाकली दिवाकर को अन्यत्र हटाने की मांग की है.


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फूड इंस्पेक्टर चंपाकली दिवाकर पर लग रहे ये आरोप


सचिव संघ ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर बताया है कि खाद्य निरीक्षक चंपाकली दिवाकर के खिलाफ जनपद पंचायत बगीचा के पीडीएस विक्रेताओं द्वारा राशि मांगे जाने की शिकायत की गई थी, जिसमें जांच के बाद उनको जशपुर संलग्न किया गया था. उन्हें फिर से बगीचा में तैनात किया गया है. सचिव संघ के अध्यक्ष प्रदीप गुप्ता ने बताया कि पहले भी फूड इंस्पेक्टर कई जगहों पर विवादित रही हैं. ऐसे में पीडीएस की व्यवस्था दुरुस्त नहीं हो सकती. उन्होंने तत्काल चंपाकली दिवाकर को हटाने की मांग की.


जनपद सीईओ ने यह कहा 


जनपद सीईओ विनोद सिंह ने बताया कि उन्हें जानकारी मिली है कि विक्रेता ट्रैक्टर के माध्यम से कुछ सामग्री कहीं ले जा रहा था. सन्ना तहसीलदार द्वारा इस मामले की जांच की गई. जांच के बाद उनकी रिपोट के आधार पर खाद्य निरीक्षक के द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी, जिसमें सचिव का भी नाम है. उन्होंने आगे बताया, ''प्रथमा दृष्टया सचिव दोषी प्रतीत नहीं होता है लेकिन यह जांच का विषय है. कार्यपालिक मजिस्ट्रेट द्वारा इसकी जांच की गई है, इस पर टिप्पणी करना उचित नहीं होगा. मामला एसडीएम के पास है, वह अपने स्तर पर जांच कर रहे हैं.''


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