Bilaspur: आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जा रहा है. इस अवसर पर छत्तीसगढ़ की बेटी सीमा वर्मा के बारे में अपको बताते है. सीमा वर्मा ने एक रुपया मुहिम से हजारों बच्चों की मदद कर चुकी है. इस अभियान को प्रशासन की काफी सराहना मिली है इसके अलावा अब इस अभियान की प्रदेशभर में चर्चा होने लगी है. 


दरअसल 12 वीं तक की पढ़ाई के लिए बच्चो को जागरूक करने के लिए और जरूरतों को पूरा करने के लिए एक रुपया मुहिम शुरू किया गया है. सीमा वर्मा ने 5 साल में 13 हजार 500 से अधिक स्कूली बच्चो के लिए स्टेशनरी सामग्री उपलब्ध करवा चुकी है.सीमा इसके अलावा 34 स्कूली बच्चों की पढ़ाई का लगातार खर्च उठा रही है. जब तक बच्चे 12वीं पास न कर लें पूरी खर्च उठाने का बीड़ा उठाया है.




एक रुपये मुहीम” के पीछे की कहानी
सीमा ने एबीपी न्यूज को बताया कि “एक रुपिया मुहीम” की शुरुआत कॉलेज में उसके साथ पढ़ने वाली सुनीता यादव एक दिव्यांग छात्रा है. वह ट्राईसिकल की मदद से कॉलेज आती थी, सीमा की इच्छा थी कि वह उसे इलेक्ट्रॉनिक ट्राईसिकल दिलवाए. इसके लिए उसने कॉलेज के प्रिंसिपल से बात की उनका जवाब आया- एक हफ्ते बाद आना. इसके बाद सीमा ने ठान लिया कि कैसे भी करके सुनीता को इलेक्ट्रॉनिक ट्राईसिकल दिलवा कर रहेगी.इसके लिए भले चंदा ही क्यों करना पड़े.


प्रशासन से मिली मदद
सीमा ने बताया इसके बाद वह अपने एक दोस्त के साथ कमिश्नर ऑफिस गई. जहाँ उसने कमिश्नर समेत अन्य अधिकारियों को सुनीता दिव्यांग है इस इसके चलते उसकी एक साल की पढ़ाई बर्बाद हो गई.इसके बाद अधिकारियों के कहने पर दस्तावेज जमा कर दिया. फिर कुछ दिन बाद तत्कालीन कमिश्नर सोनमणि बोरा के हाथों से इलेक्ट्रॉनिक ट्राईसिकल मिल गई.


बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी से मिला मुहिम’ का आईडिया
सीमा ने बताया कि जिस प्रकार बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय लोगों से एक-एक पैसा इक्कठा कर बनवाया गया था, इसी कांसेप्ट में साथ मैं लोगों से एक-एक रूपये मांग कर इक्कठा करती थी जो जरुरतमंदों कि जरूत में काम आती है.सीमा ने बताया कि जब उसने पैसा इक्कठा करने की शुरू कि तो उसने लगभग 2 लाख 34 हजार रुपए तक इक्कठा किया. इन पैसे से हम बच्चों की फीस जमा करते है.


आईपीएस अफसरों को भाया मुहिम
इस मुहिम की लोकप्रियता बढ़ने के साथ बच्चो की मदद के लगातार लोग सामने आ रहे है. इसमें आईपीएस अफसरों ने मदद के लिए हाथ बढ़ाया है. बिलासपुर के तत्कालीन SP मयंक श्रीवास्तव ने 6 बच्चों को गोद ले लिया था. इसके बाद स्पेशल डीजीपी छतीसगढ़ आर.के. विज ने इस वर्ष 12 वी की छात्रा की साल भर की फीस सीमा के माध्यम से जमा की, आईपीएस और बिलासपुर रेंज के आईजी रत्नलाल डांगी ने भी सीमा को आर्थिक सहायता दी.


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