Sukma News: 37 साल बाद आई बाढ़ से सात वार्ड डूबे, 400 लोग प्रभावित, स्कूलों-दफ्तरों में भरा पानी
Chhattisgarh Flood: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में बारिश के कारण 37 साल बाद बाढ़ आई है. बाढ़ से कई गांव प्रभावित हुए हैं और कोंटा नगर पंचायत के सात वार्ड डूब गए हैं.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सुकमा (Sukma) जिले में हुई आफत की बारिश (Rain) ने जमकर तबाही मचाई है. करीब 37 साल बाद सुकमा जिले के कोंटा ब्लॉक (Konta Block) में बाढ़ की विकराल स्थिति देखने को मिल रही है. 400 से ज्यादा लोग बाढ़ से प्रभावित बताए जा रहे हैं.
उफनती शबरी नदी (Sabari River) का पानी नेशनल हाईवे 30 (National Highway 30) भर जाने से बीते सप्ताह से आवागमन पूरी तरह से प्रभावित हो गया है. इसी के साथ कोंटा नगर पंचायत (Konta Nagar Panchayat) के सात वार्डों में लबालब पानी भरा है. आसपास के कई गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.
कोंटा निवासियों ने बयां किया यह हाल
कोंटा के निवासियों ने बताया कि इससे पहले सन 1986 में ऐसी स्थिति देखने को मिली थी, जब कोंटा ब्लॉक के 3,000 से ज्यादा लोगों को राहत शिविरों तक लाया गया था. इस साल भी यही स्थिति देखने को मिल रही है. बाढ़ के कारण कई घर जलमग्न हो गए हैं और स्कूलों में भी पानी भर गया है.
प्रभावित गांवों और वार्डो में लोग नाव के सहारे अपने घरों से जरूरत का सामान निकाल रहे हैं. लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए एसडीईआरएफ की टीम पिछले तीन दिनों से कड़ी मशक्कत कर रही है.
सुकमा के कलेक्टर ने यह कहा
सुकमा कलेक्टर एस हरीश के मुताबिक, बाढ़ से प्रभावित अब तक 400 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है और सभी को राहत शिविरों में रखा गया है, जहां उनके खाने-पीने की पूरी व्यवस्था प्रशासन की टीम कर रही है. कलेक्टर ने कहा कि स्थानीय पुलिस और बाढ़ आपदा प्रबंधन की टीम के साथ-साथ एसडीईआरएफ की टीम बाढ़ प्रभावित गांव और कोंटा नगर पंचायत के सात से अधिक वार्डों में जाकर फंसे लोगों को निकाल रही है. ग्रामीणों के जरूरी सामान को भी निकालने की कोशिश की जा रही है.
इस कारण नहीं लग पा रहा नुकसान का आकलन
कलेक्टर ने बताया कि बाढ़ की वजह से बिजली व्यवस्था पूरी तरह से ठप है और कई ऐसे छोटे घर है जो पूरी तरह से जलमग्न हो गए हैं. अभी बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन नहीं हो पाया है. प्रशासन नगर पंचायत के वार्डो और आसपास के गांव से पानी उतरने का इंतजार कर रहा है. कोंटा में आई बाढ़ से अब तक कोई जनहानि नहीं हुई है लेकिन कई घर धराशाई हो गए हैं और आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है.
सड़कों पर चल रही नाव
इधर सड़कों में पानी भर जाने से एसडीईआरएफ की टीम नाव के सहारे पूरे वार्डो का दौरा कर रही है और सुबह-शाम फंसे लोगों को निकाल रही है. एसडीईआरएफ टीम के प्रभारी ने बताया कि कोंटा नगर पंचायत के करीब सात वार्डों में छह से सात फीट तक पानी भर गया है, जिस वजह से टीम को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है.
कोंटा विधायक और मंत्री कवासी लखमा ने यह कहा
कोंटा विधानसभा क्षेत्र के विधायक और प्रदेश के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने भी शनिवार कोंटा पहुंच बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और राहत शिविरों में रह रहे लोगों से बातचीत की. मंत्री ने प्रशासन को व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए कहा.