(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Chhattisgarh News: गिरदावरी में सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी, धान का रकबा हो रहा शून्य, जानें क्या आ रही समस्या?
Ambikapur: समर्थन मूल्य में धान खरीदी के पूर्व हुए गिरदावरी में त्रुटि के चलते किसान सुधार के लिए कार्यालयों का चक्कर लगाने के लिए मजबूर हो रहे है. किसानों के द्वारा धान रकबा शून्य होने का आरोप लगा है
Ambikapur News: समर्थन मूल्य में धान खरीदी के पूर्व हुए गिरदावरी में त्रुटि के चलते किसान सुधार के लिए कार्यालयों का चक्कर लगाने के लिए मजबूर हो रहे है. गिरदावरी के दौरान राजस्व विभाग के मैदानी कर्मचारियों की लापरवाही और सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी का खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है. किसानों का आरोप है कि कई लोगों के द्वारा धान का फसल उगाया गया था, जबकि गिरदावरी में धान का रकबा शून्य अंकित करते हुए, मक्का अथवा अन्य फसल लगे होने की जानकारी दर्ज की गई. कई किसान ऐसे भी है जिन्होंने धान की फसल की है, मगर उनका रकबा शून्य बता रहा है. जिसके चलते किसान धान नहीं बेच पा रहे हैं. अधिकांश किसानों के द्वारा धान का वास्तविक रकबा को कम दर्ज किए जाने का भी आरोप लगाया गया है.
सरगुजा जिले के मैनपाट विकासखंड के राजापुर उपसमिति खडगांव के 38 किसानों के द्वारा धान रकबा शून्य होने का आरोप लगाया गया है. वहीं वंदना खरीदी केंद्र में 87, नर्मदापुर में 41 और कमलेश्वरपुर खरीदी केंद्र में 42 सहित कुल 208 किसानों के द्वारा धान लगाने के बावजूद गिरदावरी में धान का रकबा शून्य होने का आरोप लगा तहसील कार्यालय में शिकायत की गई है. अकेले मैनपाट विकासखंड के ही धान खरीदी केंद्रों में 208 किसानों के द्वारा रकबा शून्य होने का आरोप लगाया है.
किसानों की समस्या का नहीं हो रहा समाधान
इसी प्रकार अंबिकापुर, लखनपुर, उदयपुर, बतौली, लुण्ड्रा, सीतापुर, दरिमा क्षेत्र में भी बड़ी संख्या में किसान गिरदावरी में त्रुटि का आरोप लगा रहे हैं और सुधार के लिए राजस्व कार्यालयों का चक्कर लगा रहे हैं. इधर चुनावी आचार संहिता और अधिकारी और कर्मचारियों के मतगणना की तैयारी में जुट जाने के कारण किसानों की समस्या का समाधान भी नहीं हो पा रहा है. किसानों का कहना है राजस्व विभाग में अधिकारियों के नहीं बैठने के चलते गिरदावरी में हुए त्रुटि के सुधार के लिए पहल नहीं हो पा रहा है.
एनआईसी से लिंक कराते ही हुई गड़बड़ी
मैनपाट विकासखंड क्षेत्र में 208 किसानों का रकबा शून्य होने के मामले में तहसीलदार प्रांजल गोयल ने बताया कि वर्तमान खरीदी सत्र में हुए गिरदावरी के दौरान पहले ही कैरी फॉरवर्ड हुआ था, जिससे पुराना डाटा गिरदावरी में चढ़ गया था. इस तरह की समस्या आने पर जब एनआईसी से लिंक कराया गया तब कई किसानों का धान का रकबा शून्य बता रहा था. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि विकासखंड क्षेत्र में जिस रकबे के फर्जी पट्टे की शिकायत की जांच चल रही है. उक्त रकबा में लगाया गया फसल को भी शून्य दर्शाया गया है.
लगातार आ रही शिकायतें
विपणन अधिकारी पीएस परिहार ने बताया कि केवल सरगुजा नहीं बल्कि संभाग के अन्य जिलों में भी किसानों के द्वारा गिरदावरी में त्रुटि होने का आरोप लगाया जा रहा हैं. इस तरह की समस्या आने पर संबंधित किसानों को निराकरण के लिए राजस्व कार्यालयों में भेजा जा रहा है.
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