Raipur News: ज्ञान बांटने से बढ़ता है और गुरु यही काम करता है. इसका फल तब मिलता है जब गुरु से पढ़ कर शिष्य सफल हो जाए. तभी माना जाता है कि गुरु ने अपनी ड्यूटी ईमानदारी से की है. अपने सेवाकाल में ताउम्र बेहद ईमानदारी और मेहनत से पढ़ाने वाले एक शिक्षक को छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में छात्रों ने ऐसी विदाई दी कि लोग देखते ही रह गए. स्कूल से अध्यापक की विदाई में एक गांव के नहीं बल्कि आसपास के कई गांवों के बच्चे और उनके परिजन पहुंचे और बैंड बाजे के साथ बड़ी ही धूमधाम से अपने प्रिय शिक्षक को विदाई दी. अपने रिटायरमेंट पर शिक्षक को छात्रों से इतने गिफ्ट मिले कि उन्हें घर ले जाने के लिए एक गाड़ी मंगानी पड़ी.
ढोल-नगाड़ों से छात्रोंं ने दी अपने शिक्षक को विदाई
कौहाकूड़ा के मिडिल स्कूल में शिक्षक आरपी सिंह पिछले 37 साल से पढ़ा रहे थे. आज उनका रिटायरमेंट था. इस मौके पर छात्रों ने अपने शिक्षक को ऐसी विदाई दी मानों किसी बड़े नेता का स्वागत सत्कार हो रहा हो. आरपी सिंह सिर के गले में इतनी मालाएं पड़ी की उनसे मालाओं का बोझ सहन नहीं हो रहा था. छात्रों ने ढोल नगाड़ों के साथ उन्हें विदाई दी. इस विदाई समारोह में केवल छात्र ही नहीं उनके परिजन भी आए.
स्कूली बच्ची का जोशीला भाषण
गांव के मिडिल स्कूल में उनके विदाई समारोह का आयोजन किया गया था. सब लोगों ने नम आंखों से उन्हें विदाई दी. एक स्कूली बच्ची ने मंच से उनके लिए कविता पाठ करते हुए कहा अक्षर-अक्षर हमें सिखाते, शब्द शब्द का अर्थ बताते. कभी प्यार से, कभी डांट से जीवन जीना हमें सिखाते. आप जैसे दीपक की रोशनी में हम लोग सितारे हो गये. धरती पर पूजा हो आपकी, बुलंदी आसमा पर हो, भगवान करे आपके चर्चे हर हिंदुस्तानी के ज़ुबान पर हो. आप जैसे गुरु के बिना हम कैसे रह पाएंगे, कभी कभी हमें प्रोत्साहित करने आप आते रहना.
37 साल से स्कूल में पढ़ा रहे थे आरपी सिंह
गांव की सुशीलकांति पटेल ने आरपी सिंह की विदाई पर कहा कि सर को सेवा देते 37 साल हो गए हैं. उनकी विदाई में भूतपूर्व छात्र छात्राएं, गांव के बच्चे और उनके पालक आए हैं. इसके अलावा आस-पास के गांव के भी बच्चे और उनके पालक विदाई समारोह में शामिल हुए हैं. सर जा रहे हैं तो मन में थोड़ा सा दुख भी है.
इतने गिफ्ट मिले कि ढोने के लिए बुलानी पड़ी गाड़ी
गौरतलब है कि कौहाकूड़ा के मिडिल स्कूल में आरपी सिंह की नियुक्ति 1985 में हुई थी. इसके बाद से 27 सालों वह तक एक ही शाला में पदस्थ रहे. इनके पढ़ाए बच्चे आज उच्च पदों पर सेवाएं दे रहे हैं. आर पी सिंह महासमुंद जिले के पिथौरा विकासखण्ड के रहने वाले हैं. उनके विदाई समारोह में स्कूल के पूर्व छात्रों ने उन्हें एक स्कूटी भेंट की. किसी ने उन्हें टीवी दिया, किसी ने शॉल श्रीफल दिया तो किसी ने स्मृति चिन्ह देकर उनको विदाई दी. आरपी सिंह को इतने गिफ्ट मिले कि उन्हें ढोने के लिए एक गाड़ी मंगानी पड़ी.
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