Physiotherapy Student To Health Minister: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में शासकीय फिजियोथेरिपी कॉलेज में छात्रावास, ओपीडी और स्टाइपेंड बढ़ाने की पुरानी मांग पर छात्रों ने शासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. पिछले तीन दिनों से फिजियोथेरिपी के छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं. शुक्रवार को छात्रों ने अपने खून से स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखा है. दरअसल शासकीय फिजियोथेरिपी कॉलेज के करीब 150 छात्र अपने चार सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे है. छात्रों ने पोस्ट ग्रेजुएशन कोर्स शुरू करने की भी मांग की है. सरकार का ध्यान खींचने के लिए छात्रों ने गुरुवार को मरीन ड्राइव में नुक्कड़ नाटक किया और आज छात्रों ने खून से पत्र लिखा है.
क्या है छात्रों की समस्या
फिजियोथेरिपी कॉलेज के छात्रों ने बताया की प्रदेश के एकमात्र शासकीय फिजियोथेरेपी महाविद्यालय रायपुर में प्रदेश के छात्र पढ़ने आते हैं. लेकिन उनके ठहरने की व्यवस्था सरकार द्वारा नहीं किया गया है. छात्रावास के अभाव में गरीब तबके के छात्रों को अतिरिक्त खर्च करना पड़ता है. ग्रेजुएशन की पढ़ाई के बाद पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए दूसरा राज्य जाना पड़ता है. चार साल की पढ़ाई के बाद 6 महीने का इंटर्नशिप डॉक्टर भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय के अनेक विभागों में लगाया जाता है. जिसका स्टाइपेंड के रूप में केवल 3500 रुपए प्रतिमाह दिया जाता है. छात्रों ने आगे बताया की 2002 से फिजियोथैरेपी बाल रोग विभाग ओपीडी एक कमरे में संचालित है. जहां रोजाना 100-150 लोग इलाज के लिए आते है, लेकिन जगह और उपकरणों के अभाव के कारण उन्हें दे देना इलाज कराएं बिना लौटना पड़ता है.
स्वास्थ्य मंत्री ने दिया जवाब
छात्रों की मांग पर स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा कि, स्वास्थ्य विभाग के सचिव के मध्यम से फाइल वित्त विभाग में पहले ही भेजी जा चुकी है. कोरोना महामरी के कारण फाइल अटकी होगी. इसलिए फिर से फॉलोअप के लिए स्वास्थ्य सचिव को फाइल भेजने को कहा गया है. छात्रों की मांग पर स्वास्थ्य विभाग संवेदनशील है.
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