Chhattisgarh News: सुकमा में कथित फर्जी मुठभेड़ मामला मंत्री कवासी लखमा ने दिए जांच के आदेश, 6 महीने के अंदर मांगी रिपोर्ट
Chhattisgarh News: सुकमा जिले में हुए कथित पुलिस -नक्सली मुठभेड़ के मामले में प्रदेश के आबकारी कवासी मंत्री लखमा ने जांच के आदेश दिए हैं. साथ 6 महीने के अंदर जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा है.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के ताड़मेटला गांव में हुए कथित पुलिस-नक्सली मुठभेड़ के मामले में प्रदेश के आबकारी मंत्री और कोंटा विधानसभा के विधायक कवासी लखमा का बयान सामने आया है. मंत्री लखमा ने इस मामले के जांच के आदेश दिए हैं. दरअसल इस मुठभेड़ को सीपीआई नेता मनीष कुंजाम और ताड़मेटला के ग्रामीणों ने फर्जी मुठभेड़ बताया था.और नक्सली बताकर 2 स्थानीय ग्रामीण युवकों की गोली मारकर हत्या करने का आरोप जिला पुलिस और सीआरपीएफ(CRPF) के जवानों पर लगाया. जिसको लेकर ग्रामीण पिछले कुछ दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. साथ ही दोनों मृतकों के परिजन पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग कर रहे थे.
मंत्री ने कहा- दोनों पक्षों को सुनने के बाद दिए जांच के आदेश
आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि मेरे कोंटा विधानसभा में ताड़मेटला गांव है और यह गांव काफी सुरक्षित है. मैंने इस मुठभेड़ की सुकमा पुलिस से जानकारी ली तो उन्होंने बताया कि बीते 5 सितंबर को सुकमा जिला की पुलिस और सीआरपीएफ के जवान ताड़मेटला इलाके में सर्चिंग के लिए निकले हुए थे. और वहां पुलिस जवानों की नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई और इस मुठभेड़ में दो नक्सली मारे गए. जो एक- एक लाख रुपए के ईनामी नक्सली थे. इनमें से एक नक्सली का नाम रवा देवा और दूसरे का नाम सोढ़ी कोसा था.आगे पुलिस ने बताया कि दोनों को मुठभेड़ में मार गिराने के बाद उनकों शवों को गांव के पास ही जंगल में जला दिया.
ग्रामीणों ने लगाया हत्या का आरोप
दोनों युवकों की मौत के बाद परिजनों और गांव वालों ने आरोप लगाया था कि मुठभेड़ में मारे गए दोनों युवक नक्सली नहीं बल्कि गांव के ही युवक थे.जो मोटरसाइकिल लेकर अपने रिश्तेदार के घर गए हुए थे,और जब वापस वहां से लौट रहे थे तो पुलिस के जवानों ने उन दोनों को रोका और दोनों की गोली मारकर हत्या कर दी. साथ ही उनकी मोटरसाइकिल को कहीं छिपा दिया. ग्रामीणों का कहना है कि दोनों युवक के पास आधार कार्ड. पैन कार्ड मौजूद था. साथ ही इनमें से एक युवक रवा देवा का ताड़मेटला गांव में ही एक छोटा सा किराने की दुकान है. पुलिस के जवानों ने दोनों निर्दोष ग्रामीणों की गोली मारकर हत्या कर दी. ऐसे में ग्रामीणों ने इस पूरे मामले की न्यायिक जांच कर दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्यवाही की मांग की है. वहीं इस मामले में पुलिस अधिकारियों का कहना है कि यह दोनों युवक काफी लंबे समय से नक्सलियों के संगठन में शामिल थे और गांव में शिक्षा दूत और एक सरपंच की हत्या के मामले में भी संलिप्त थे.पुलिस के पास इन दोनों के नक्सली होने के पुख्ता सबूत भी मौजूद है.
6 माह के भीतर मांगी जांच रिपोर्ट
मंत्री कवासी लखमा ने बताया कि इस पूरे मामले की जांच के लिए मुख्यमंत्री ने जांच के आदेश दे दिए हैं.और 6 महीने के भीतर जांच की रिपोर्ट भी मांगी है. लखमा ने कहा कि यह घटना मेरे विधानसभा में हुई है और ग्रामीणों के कहे अनुसार दोनों स्थानीय ग्रामीण थे. ऐसे में इस मामले की निष्पक्ष जांच हो और मीडिया के माध्यम से पीड़ित परिवार को भरोसा मिले इसलिए उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम की जांच के आदेश दिए हैं. लखमा ने कहा कि हम हमेशा से ही बस्तर में शांति चाहते हैं.लेकिन इस घटना से गांव के लोग अशांत हो सकते हैं.इसलिए जांच के आदेश दिए गए हैं.
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