Fish farming in Sarguja: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सरगुजा (Surguja) जिले में रहने वाले अनिल कुमार  (Anil Kumar) कॉरपोरेट सेक्टर (Corporate Sector) की लाखों रुपये की नौकरी (Job) छोड़कर भी लोगों को प्रेरित कर रहे हैं. वह अब अपना काम कर रहे हैं, जिससे आसपास के लोग प्रेरणा (Inspiration) ले रहे हैं. अनिल कुमार मूल रूप से जिले के सीतापुर विकासखंड (Sitapur Block) के धरमपुर ग्राम पंचायत (Dharampur Gram Panchayat) के निवासी है और गांव में मछली पालन (Fish Farming) कर रहे हैं.  


अनिल कुमार ने महाराष्ट्र के पुणे से कॉमर्स से स्नातक की पढ़ाई की. इसके बाद उन्होंने प्राइवेट कंपनी में फाइनेंशियल एनालिसिस की नौकरी की. इसी दौरान उन्होंने अपना खुद का रोजगार शुरू करने का मन बना लिया और गांव लौट आए. अनिल ने स्टार्टअप शुरू करते हुए डेढ़ लाख की लागत से 30/40 जमीन पर शेड निर्माण कराया. इसमें  उन्होंने सीमेंट के 20 बॉक्स बनवाए और मछली पालने का काम शुरू कर दिया. मछली के बीज मार्केट में महंगे मिल रहे थे तो अनिल ने खुद ही इसका मार्केट तैयार कर लिया, जिसमें रेहू, कतला, सिंधी और देसी मांगूर मछली के बीज तैयार किए जा रहे हैं.


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इन विलुप्त होती मछलियों का संरक्षण कर रहे अनिल कुमार


मार्केट से विलुप्त होती मछलियों के संरक्षण के लिए अनिल ने अहम भूमिका निभाई और सिंधी और देसी मांगूर जैसे बीजों को बचाया. फिश सीड सेंटर के जरिये वह लोगों को बीज उपलब्ध करा रहे हैं और आज एक सफल किसान और व्यापारी कहे जाते हैं. अनिल ने कहा, ''जो सपना देखा था, उसे आज जी रहें हैं, काम में थोड़ी मुश्किलें तो जरूर आईं लेकिन मेहनत से रास्तों को आसान बना लिया.''


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