Bastar News: कभी आजादी के जश्न का बहिष्कार करने वाली महिलाएं आज बना रही हैं तिरंगा, जानिए कौन हैं ये औरतें
Chhattisgarh News: सरेंडर कर चुकी एक महिला नक्सली ने बताया कि कम उम्र में ही नक्सली उनके परिवारों पर दबाव बनाकर उसे अपने साथ ले गए थे. वह संगठन में रहकर नक्सलियों के लिए काली वर्दी सिलती थीं.
दंतेवाड़ा: आजादी के 75 साल पूरे होने पर देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है. देश के कोने-कोने से 'हर घर तिरंगा,घर घर तिरंगा' अभियान को लेकर उत्साह देखा जा रहा है.लाखों तिरंगे बनाए जा रहे हैं. छत्तीसगढ़ के बस्तर में तिरंगा अभियान की एक अलग ही तस्वीर निकलकर सामने आई है. दरअसल यहां कभी तिरंगे का बहिष्कार करने वाली नक्सली महिलाएं आत्मसमर्पण के बाद तिरंगा तैयार कर रही हैं.कभी नक्सलियों के लिए काली वर्दी और काला झंडा बनाने वाली ये महिलाएं तिरंगा झंडा बना रही हैं. दंतेवाड़ा जिले में सरेंडर महिला नक्सलियों की ओर से तैयार तिरंगे को घरों में लगाने के साथ ही एसपी कार्यालय में भी फहराया गया. यह पहला मौका है जब सरेंडर कर चुकी महिला नक्सलियों ने तिरंगा तैयार किया है.वहीं तिरंगा तैयार कर इन महिलाओं को भी गर्व हो रहा है.
नक्सलियों के वर्दी तैयार करती थी
तिरंगा झंडा तैयार कर रही एक पूर्व महिला नक्सली ने बताया कि काफी कम उम्र में नक्सली उनके परिवारों पर दबाव बनाकर उसे अपने साथ संगठन में शामिल करने के लिए उठा के ले गए थे. वह लंबे समय से संगठन में रहकर नक्सलियों के लिए काली वर्दी सिलती थी. इसके साथ ही वो गांवों में जाकर नक्सलियों के साथ स्वतंत्रा दिवस पर और गणतंत्र दिवस पर काले झंडे फहराते थे. उनका कहना था कि उन्हें लगता था कि काला झंडा ही हमारी आन-बान-शान है, देश क्या होता है, पुलिस और सरकार क्या होती है कुछ मालूम नहीं था,लेकिन बड़े नक्सलियों के प्रताड़ना से तंग आकर और पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर उन्होने आत्मसमपर्ण किया. अब अपने देश के लिए तिरंगा तैयार कर रही है.
स्कूलों और गांवों में जाकर काला झंडा फहराती थीं
कभी आठ लाख रुपये की ईनामी नक्सली रही पूर्व नक्सली सुंदरी बताती हैं कि जब वह संगठन में थीं तो 15 अगस्त के दिन गांव के स्कूलों में जाकर काला झंडा फहराती थी. वह बच्चों को बताती थी कि आप लोग जो तिरंगा फहराते हो वह हमारा नहीं है,हमारा देश अभी आजाद नहीं हुआ है,पूरा देश अब भी अंधेरा में है, इसलिए काला झंडा फहराकर काला दिवस मनाओ,लेकिन सरेंडर के बाद अब तिरंगे को न सिर्फ सलामी देती हूं बल्कि अब तिरंगा बना भी रही हूं.
एसपी कार्यालय में फहराया तिरंगा
दंतेवाड़ा के एसपी सिद्धार्थ तिवारी ने बताया कि सरेंडर कर चुकीं ये महिलाएं जब नक्सली संगठन में थीं तो उस समय काला झंडा बनाती थीं,काले झंडे को गांवों में फहराते थे,लेकिन अब सरेंडर करने के बाद वे अपनी मर्जी से तिरंगा झंडा बना रही हैं. यह बहुत ही सराहनीय कार्य है. उन्होंने बताया कि सरेंडर करने वाली महिला नक्सलियों की ओर से बनाए गए राष्ट्रीय ध्वज को ही पुलिस अधीक्षक कार्यालय में फहराया गया.
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