Surguja News: सरगुजा संभाग के 153 समितियों और 203 उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी की तैयारी कर ली गई है, लेकिन कहीं भी पहले दिवस खरीदी शुरू नहीं हो सका. इसका कारण अल्प वर्षा और मानसून की अनियमितता के चलते देरी से शुरू हुई खेती को माना जा रहा है. सरगुजा संभाग में गत वर्ष की तुलना में इस बार 10 लाख क्विंटल अधिक लक्ष्य के साथ एक करोड़ क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य अनुमान है. पहली बार बायोमेट्रिक से होने वाली धान की खरीदी उपकरण के न पहुंच पाने से अब पूर्व के समान ही होगी. जिसमें वैकल्पिक तौर पर पंजीकृत मोबाइल पर ओटीपी के माध्यम से धान खरीदी की सुविधा दी जाएगी, लेकिन केंद्र में बायोमेट्रिक डिवाइस के आने के बाद किसानों को अंगूठा लगाना अनिवार्य होगा.
धान खरीदी केंद्रों में छाई वीरानगी
एक नवंबर को पहले दिवस धान खरीदी केंद्रों में पूरी तरह वीरानगी छाई रही. हालांकि नोडल अधिकारी और अधिकारियों की अलग-अलग टीम केंद्रों की निरीक्षण के लिए पहुंची और खरीदी की तैयारी का जायजा लिया. सरगुजा संभाग में बीते वर्ष की तुलना में इस बार पांच हजार हेक्टेयर खेत का रकबा बढ़ा है. रकबा के साथ किसानों की संख्या भी 25 हजार 189 बढ़कर अब दो लाख पांच हजार 716 हो गई है. गत वर्ष 90 लाख क्विंटल लक्ष्य के विरूद्ध 84 लाख क्विंटल धान की खरीदी संभाग के पांच जिलों में हुई थी.
14 खरीदी केंद्र बढ़े
खरीफ वर्ष 2022-23 में 181 खरीदी केंद्र थे. जो अब बढ़कर 203 हो गई है. इस बार बलरामपुर में 47 से 49, सूरजपुर में 52 से 54, कोरिया में 20 से 23 और मनेंद्रगढ़ में उपार्जन केंद्र 23 से बढ़कर 24 हो गई है.
खरीदी शुरू होने में अभी और देरी
समूचे सरगुजा संभाग में मानसून की अनियमितता और अल्प वर्षा से खेती काफी देर से शुरू हुई और लगभग सभी स्थानों पर यह स्थिति है कि धान की फसल अभी काटने लायक तैयार नहीं हो पाई है. कृषि विभाग का भी मानना है कि अभी फसल तैयार होने में हफ्ता दस दिन का समय लग सकता है. संभाग में सिर्फ कुछ ही स्थानों पर जहां सिंचाई की बेहतर सुविधा थी. वहां किसानों की उपज तैयार हो गई है और कटाई का कार्य भी किया जा रहा है.
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