Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के खतरों के बीच स्वाइन फ्लू के मामले भी सामने आ रहे हैं. स्वाइन फ्लू के मामले आम तौर पर सर्दियों में आते हैं. लेकिन इसका वायरस मानसून में भी सक्रिय हो गया है. बरसात में लगातार होने वाले मौसमी बदलाव के कारण कई तरह की संक्रमणजनित बीमारियां होती हैं. इससे बचने और सावधान रहने की जरूरत है. स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को मौसमी बीमारियों के साथ ही मंकी-पॉक्स, कोविड-19 और स्वाइन फ्लू से अलर्ट रहने की अपील की है.


स्वाइन फ्लू के लक्षण भी कोरोना के लक्षणों से मिलते-जुलते हैं. इसमें खांसी, बलगम आना, गले में दर्द या खराश, जुकाम और कुछ लोगों को फेफड़ों में इन्फेक्शन होने पर सांस चढ़ने लग जाती है. जिन व्यक्तियों को इस तरह के लक्षण महसूस हो रहे हैं, उन्हें तुरंत स्वाइन फ्लू के साथ कोरोना की भी जांच कराना चाहिए.


जानिए किन लोगों को है ज्यादा खतरा
संचालक महामारी नियंत्रण, डॉ. सुभाष मिश्रा ने स्वाइन फ्लू के कारणों और लक्षणों के बारे में बताया कि स्वाइन फ्लू एच-1 एन-1 (H1N1) इन्फ्लुएंजा ‘ए’ के कारण होता है. यह वायरस वायु कण एवं संक्रमित वस्तुओं को छूने से फैलता है. इसकी संक्रमण अवधि सात दिनों की होती है. बरसात के मौसम में बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों में संक्रमण तीव्र गति से प्रभावी होने का अधिक खतरा रहता है. विशेष रूप से हृदय रोग, श्वसन संबंधी रोग, लीवर रोग, किडनी रोग, डायबिटीज, एचआईव्ही और कैंसर से पीड़ित या ऐसे मरीज जो कि स्टेराइड की दवा का सेवन लम्बे समय से कर रहे हों, उन पर अधिक खतरा बना रहता है.


क्या है लक्षण और कैसे बचें
डॉ. मिश्रा ने बताया कि संक्रमित व्यक्ति को तेज बुखार के साथ खांसी, नाक बहना, गले में खराश, सिर दर्द, बदन दर्द, थकावट, उल्टी, दस्त, छाती में दर्द, रक्तचाप में गिरावट, खून के साथ बलगम आना और नाखूनों का नीला पड़ना स्वाइन फ्लू के लक्षण हो सकते हैं. उन्होंने इससे बचाव के लिए भीड़-भाड़ वाली जगहों में नहीं जाने, संक्रमित व्यक्ति के सम्पर्क से दूर रहने तथा नियमित रूप से हाथ साबुन या हैण्डवॉश से धोने की सलाह दी है. साथ ही सर्दी-खांसी एवं जुकाम वाले व्यक्तियों के द्वारा उपयोग में लाये गये रूमाल और कपड़ों का उपयोग नहीं करना चाहिए. स्वाइन फ्लू के लक्षण पाए जाने पर पीड़ित को 24 से 48 घंटों के भीतर डॉक्टर से जांच अवश्य कराना चाहिए. 


छत्तीसगढ़ के सभी मेडिकल कॉलेजों में स्वाइन फ्लू की जांच की सुविधा है. प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, सिविल अस्पतालों, जिला चिकित्सालयों तथा मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में इसका इलाज कराया जा सकता है. जिस प्रकार कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीन उपलब्ध है. वैसे ही स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए इन्फ्लूंजा वैक्सीन लगाई जाती है. इस वैक्सीन से स्वाइन फ्लू की वजह से होने वाली गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है.


ये भी पढ़ें:-


Chhattisgarh Corona Update: छत्तीसगढ़ में कोरोना से मौत के डरावने आंकड़े, पिछले 24 घंटे में 4 की मौत और 493 नए मरीज मिले


Janjgir Champa News: आसमानी आफत ने बरपाया कहर, खेत में काम कर रहे परिवार पर गिरी बिजली, अबतक 5 लोगों की मौत और 3 घायल