Gariyaband News: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले में मानसून का पैगाम लेकर ओपन बिल स्टार्क पक्षियों का आना शुरू हो गया है. बड़ी संख्या में ये जिले के लचकेरा गांव पहुंच हैं. ग्रामीण इस पक्षी के आने को खुशहाली का संकेत मानते हैं. इसके अलावा इस पक्षी को मारने पर क्षेत्र में मनाही है. अगर कोई ऐसा करता भी है तो ग्रामीण उसपर जुर्माना लगाते है साथ ही साथ थाने में भी शिकायत की जाती है.


मानसून का पैगाम लेकर आती है पक्षी
दरअसल राज्य में मानसून की शुरुआत हो चुकी है. इसके साथ लंबी दूरी तय करके ओपन बिल स्टार्क पक्षी मैदानी इलाकों में जाकर बस जाती है. इसी कड़ी में हर साल की तरह इस साल भी गरियाबंद जिले के लचकेरा गांव में बड़ी संख्या ओपन बिल्ड स्टार्क पक्षी पहुंची है. पक्षियों के आने के बाद गांव में खुशहाली का माहौल है. ग्रामीण कह रहे है अब खरीफ की फसल की तैयारी करना शुरू करने का समय आ गया है. पक्षियों के आने के बाद अब बारिश भी होगी.


पक्षियों को मारने पर लगता है जुर्माना
मानसून के साथ आने वाली पक्षियों को ग्रामीण शुभ मानते है. क्योंकि इसके बाद किसान खेती की तैयारी शुरु कर देते है.इनके आने से फसल को कीड़ों से ये पक्षी बचाते है. इनके मल से खेत को उर्वरक शक्ति भी बढ़ जाती है. इससे फसल अच्छी होती है बीमारियों से फसल बच जाती है. इस लिए ग्रामीण इस पक्षी को मित्र पक्षी कहते है. वहीं इन पक्षियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी ग्रामीण उठाते है.


गांव में पक्षियों को मारने पर प्रतिबंध लगाया गया है. ग्रामीणों ने बताया कि अगर कोई इन पक्षियों को मरता है तो 1051 रुपये का जुर्माना भी है. वहीं मारने वाले की सूचना देने पर 500 रुपए का इनाम रखा गया है.ग्रामीण ने यह भी बताया कि पक्षियों की सुरक्षा के लिए समिति गठित कर इन पक्षियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करते हैं.


क्यों पड़ा पक्षी का नाम ओपन बिल्ड स्टार्क 
गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में ओपन बिल्ड स्टार्क पक्षी महानदी और उसके सहायक नदियों के आस पास पेड़ों में अपना घोंसला बनाते है. इन इलाको में खेती किसानी भी होती है तो पक्षियों को पर्याप्त मात्रा में चारा भी मिल जाता है. वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर अभिनंदन तिवारी ने बताया कि इनका नाम इस लिए ओपन बिल स्टार्क इस लिए पड़ा क्योंकि इनके चोंच के बीच गैप होता है. चोंच बंद करने के बाद भी चोंच के बीच आर पार देखा जा सकता है.


इसलिए इनका नाम ओपन बिल्ड स्टार्क नाम पड़ा है. बड़े लंबे चोंच होने के कारण ये पक्षी मछली मेंढक खाते है. इनकी गर्दन भी लंबी होती है इससे पक्षियों को मछली पकड़ने में आसानी होती है. बरसात में ये पक्षी बच्चे देने आते है. इसके लिए ओपन बिल्ड स्टार्क पक्षी 20 से 30 ऊंचे पेड़ जैसे बरगद, पिपल और बाबुल जैसे पेड़ में घोंसला बनाते है.


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