Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) राज्य की पहचान विद्युत सरप्लस वाले राज्य के रूप में होती है. लेकिन छत्तीसगढ़ में एक गांव ऐसा है जो पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) की बिजली से रौशन हो रहा है. हालांकि ऐसा करने के पीछे सरकार का मकसद अंतिम पंक्ति के अंतिम छोर में बसे लोगों तक सुविधाएं पहुंचाने का भी नजर आता है.
मध्यप्रदेश की बिजली से रौशन हो रहा है ये गांव
दरअसल, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही (Gorela-Pendra-Marwahi) जिले का आदिवासी बाहुल्य गांव ठाड़पथरा है जिसका आश्रित गांव तवाडबरा है. इसी गांव के अंतर्गत प्रसिद्ध ज्वालेश्वर महादेव मंदिर (Jwaleshwar Mahadev Mandir) आता है. यह गांव मध्यप्रदेश के अमरकंटक (Amarkantak) की सीमा से सटा है और जिला मुख्यालय से करीब तीस किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. ज्वालेश्वर मे रहने वाले लोग सालों से बिजली से वंचित थे और बिजली कनेक्शन वाले दूसरे गांव से दूर और पहाड़ी इलाका होने के कारण यहां बिजली नहीं पहुंच पा रही थी.
तब यहां रहने वाले बैगा आदिवासियों के लिए सरकार ने बिजली पहुंचाने के लिए अनोखा उपाय अपनाया और सीएसपीडीसीएल ने मध्यप्रदेश के एमपीईबी से बिजली कनेक्शन लिया और यहां के ग्रामीणों को कनेक्शन वितरित किया. इस तरह से छत्तीसगढ़ की सीमा का यह छोटा सा गांव मध्यप्रदेश की बिजली से रौशन हो रहा है.
ज्वालेश्वर में छत्तीसगढ़ की विद्युत लाइन नहीं
ज्वालेश्वर के आसपास मध्यप्रदेश का बिजली कनेक्शन पहले से ही है. लिहाजा छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल ने मध्यप्रदेश से एक कनेक्शन खुद लेकर यहां के घरों को बिजली आपूर्ति कर रहा है और लोगों को कनेक्शन बांटकर अपनी दर पर बिजली बिल वसूली कर रहा है. कहा जा रहा है कि मध्यप्रदेश की सीमा नजदीक होने के कारण राज्य के बिजली विभाग ने जनहित में मध्यप्रदेश बिजली विभाग से मदद ली है. डिवीजनल इंजीनियर यूके सोनवानी ने बताया कि ज्वालेश्वर में छत्तीसगढ़ की विद्युत लाइन नहीं है. इसलिए वहां मध्यप्रदेश की विद्युत मंडल की जो लाइने है. वहां से वहां के लोगों को बिजली दी जा रही है. इसका कनेक्शन सीएसईबी ने लिया है. लेकिन इसका पेमेंट उपभोक्ता द्वारा अलग से किया जाता है.