Chhattisgarh: बाघ और शावक के पैरों को निशान मिलने से ग्रामीणों में दहशत, दहाड़ भी दी सुनाई
Surajpur News: दो दिन पूर्व से ग्राम कोल्हुआ से लगे उद्यान क्षेत्र के पूर्वी बैजनपाठ के जंगल में शावक के साथ बाघ होने की ग्रामीणों ने जानकारी दी है. इससे आस पास के गांवों में डर का मौहल बना हुआ है.
Guru Ghasidas National Park News: सूरजपुर जिले के दूरस्थ पहाड़ी व वनांचल क्षेत्र चांदनी-बिहारपुर क्षेत्र के गुरू घासी दास राष्ट्रीय उद्यान में एक बार फिर बाघ व उसके शावक के पंजों का निशान मिलने पर समूचे क्षेत्र में दहशत व भय का वातावरण निर्मित हो गया है. इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार बीते दिवस ग्राम पंचायत कोल्हुआ के चरवाहे बैजनपाठ जंगल की ओर अपने मवेशियों को चराने गये हुए थे. इसी बीच उन्हें बाघ की दहाड़ सुनाई दी और जब उन्होंने नजर दौड़ाकर देखा तो उन्हें बाघ उसका एक छोटा शावक नजर आया. जिस पर वे तत्काल वहां से भाग गये और गांव पहुंचकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ग्रामीणों को दी. क्षेत्र में बाघ व उसके शावक के विचरण करने की खबर जैसे ही जंगल से सटे ग्रामीणों सहित अन्य लोगों को लगी दहशत व भय का वातावरण निर्मित हो गया.
गौरतलब है कि सूरजपुर जिले का चांदनी-बिहारपुर इलाका गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान जंगल से लगा हुआ है. वहीं बीते वर्ष मध्य प्रदेश की ओर से ग्राम लूल्ह, भुंडा, बैजनपाठ, खोहिर, महुली, करौटी, पेंडारी, केशर होते हुए पलामू की ओर बाघ चला गया था. इसी बीच चैत्र नवरात्रि में कुदरगढ़ वन परिक्षेत्र अंतर्गत ओड़गी के कालामाजन के जंगल में लकड़ी लेने जा रहे तीन ग्रामीणों पर बाधिन ने हमला कर दो लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. वहीं एक की हालत गंभीर था. इधर मानव व बाघिन के बीच हुए द्वंद में बाधिन भी बुरी तरह से जख्मी हो गई थी. बाद में वन विभाग की टीम द्वारा बाघिन का रेस्क्यू कर उसे पकड़ा था और उपचार के बाद जंगल में छोड़ दिया गया था.
बाघ के पंजों के निशान मिलने की की थी पुष्टि
गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान रेहण्ड पार्क परिक्षेत्र महुली के रेंजर ललित साय पैकरा ने बीते 24 नवम्बर को बैजनपाठ में बाघ के पंजों के निशान मिलने की पुष्टि की थी. एक बार फिर दो दिन पूर्व से ग्राम कोल्हुआ से लगे उद्यान क्षेत्र के पूर्वी बैजनपाठ के जंगल में शावक के साथ बाघ होने की ग्रामीणों ने जानकारी दे रहे हैं. गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान रेहण्ड पार्क परिक्षेत्र अंतर्गत जंगल में आने वाले ग्राम लूल्ह, भुंडा, बैजनपाठ, खोहिर, महुली रामगढ़, उमझर, रसौकी, छतरंग, जुड़वनिया, बसनारा, मोहरसोप सहित आस पास के गांवों में डर का मौहल बना हुआ है.
बड़ा अनहोनी की खतरा मंडरा रहा है
वहीं उद्यान के अधिकारियों कर्मचारियों द्वारा किसी तरह का कोई जागरूक नहीं किया जा रहा है नहीं लोगों को सतर्क किया जा रहा है, जिससे बड़ा अनहोनी की खतरा मंडरा रहा है. इस संबंध में गुरु घासीदास राष्ट्रीय उद्यान रेहण्ड पार्क परिक्षेत्र महुली के रेंजर ललित साय पैकरा ने बताया कि हमें भी जानकारी मिली है पुष्टि की जा रही है. वहीं डिप्टी रेंजर सूर्यभान सिंह ने बताया कि पद चिन्ह मिला है लेकिन पुष्टि करने में दिक्कत हो रही है.
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