Tigress Deth in Guru Ghasidas National Park: छत्तीसगढ़ के कोरिया में गुरु घासीदास नेशनल पार्क में सोमवार (6 जून) को एक बाघिन की मौत हो गई. जानकारी मिलने पर वन अमले में हड़कंप गया. वन विभाग की टीम और आला अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर बाघिन के शव की जांच की लेकिन मौत की वजह क्या है, इसका पता नहीं चल सका. वहीं, मामले को लेकर स्थानीय विधायक के प्रतिनिधियों और सोनहत के तहसीलदार के साथ वन अमले की गहमागमी की भी खबर है. 


दरअसल, नेशनल पार्क के टाइगर रिजर्व इलाके में बाघिन की मौत के बाद क्षेत्रीय सोनहत विधायक गुलाब कमरो के निर्देश पर घटनास्थल का जायजा लेने जा रहे विधायक प्रतिनिधि राजन पांडेय, प्रेमसागर तिवारी, सांसद प्रतिनिधि अनित दुबे, लव प्रताप और गणेश गुप्ता को वन अमले द्वारा 4 किलोमीटर पहले रोक दिया गया. वहीं, सोनहत के तहसीलदार को भी वन अमले ने आगे नहीं जाने दिया.


संदिग्ध लिए गए हिरासत में


बता दें कि वन विभाग के उच्च अधिकारी बाघिन को जहर देकर मारने की आशंका जता रहे हैं क्योंकि एक भैंस के शव से कुछ ही दूरी पर नाले में बाघ की लाश मिली. आशंका है कि भैंस के मालिक ने उसके शव में जहर मिला दिया हो. बाघिन की उम्र लगभग 7 वर्ष बताई जा रही है. वहीं, मंगलवार को वन अमले ने गांव में जाकर बारीकी से जांच की और कुछ संदिग्ध आरोपियों को हिरासत में ले लिया. उनसे पूछताछ की जा रही है.


यह भी पढ़ें- Chhattisgarh News: हसदेव अरण्य में पेड़ काटने के मुद्दे पर आरपार के मूड में टीएस सिंहदेव! बोले- पहली गोली मैं खाऊंगा


पोस्टमार्टम रिपोर्ट से होगी मौत के कारण की पुष्टि


बताया जा रहा है कि कुछ समय से बाघिन पार्क के अंदर के गांव में विचरण कर रहा थी, जहां वह मवेशियों को निशाना बना रहा थी. गुरु घासीदास नेशनल पार्क के डायरेक्टर रामकृष्ण ने बताया कि बाघिन को जहर देने की आशंका है. उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही बाघ की मौत के असल कारण का पता चल सकेगा. उन्होंने आगे कहा कि भैंस के मालिक से पूछताछ की जा रही है. आरोपियों को मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा.


यह भी पढ़ें- Narayanpur News: इस गांव में आज भी जान जोखिम में डालकर लकड़ी की पुलिया पार करते हैं ग्रामीण, सालों से कर रहे ये मांग