Chhattisgarh News: किसी भी इलाके के किसान की आर्थिक समृद्धि का बड़ा प्रतीक ट्रैक्टर होता है. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में भी किसान समृद्ध हो रहा है. इसका संकेत और संदेश ट्रैक्टर की खरीदी में हुई बढ़ोतरी दे रहा है. राज्य में बीते साल में ट्रैक्टर खरीदी में लगभग साढ़े पांच फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. बीते तीन साल में 76 हजार से ज्यादा ट्रैक्टर किसानों ने खरीदे हैं. कोरोना महामारी ने देश की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया है, लोगों के हाथों से रोजगार फिसल गए हैं और आमदनी लगातार घट रही है, लेकिन अब स्थितियां धीरे-धीरे सुधरने लगी हैं.


इसी बीच छत्तीसगढ़ में भी किसानों की स्थिति में लगातार सुधार आ रहा है और वे आर्थिक तौर पर समृद्धि हो रहे हैं. सरकारी तौर पर उपलब्ध आंकड़े बताते हैं कि बीते तीन साल में 76 हजार से ज्यादा ट्रैक्टर किसानों ने खरीदे हैं. साल 2019 में छत्तीसगढ़ में कृषि कार्य के लिए 25,607 ट्रैक्टर की खरीदी हुई थी. मगर कोरोना की दस्तक के चलते साल 2020 में ट्रैक्टर की खरीदी में गिरावट आई थी और यह आंकड़ा 24,590 पर ठहर गया था. अब हालात सुधरे और किसानों को राज्य सरकार की ओर से सुविधाएं मिली तो एक बार फिर से स्थिति में बदलाव आया है.


इस साल 25,932 ट्रैक्टरों की हुई है खरीदी


बीते साल ट्रैक्टरों की खरीदी में 5.46 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, इस तरह इस साल 25,932 ट्रैक्टरों की खरीदी हुई है. प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का कहना है कि कृषि में किसानों की रुचि बढ़ी है. इसी कारण बैंकों की मांग बढ़ी है. समृद्धि बढ़ने के कारण लोग वाहन खरीद रहे हैं. ट्रैक्टर, कार, बाइक आदि गाड़ियों की बिक्री भी बढ़ी है और इन वाहनों के शो रुम भी तेजी से खुल रहे है, यह सुखद संकेत हैं. राज्य सरकार की योजनाओं केा लेकर सीएम बघेल का कहना है कि पहला साल चुनाव में बीता, दो साल कोरोना में बीते, समय का उपयोग करते हुए योजनाएं बनाई और अब उनका क्रियान्वयन हो रहा है.


सीएम भूपेश बघेल बोले- राज्य में बेरोजगारी दर कम


सीएम भूपेश बघेल ने कहा, "मैं सन्तुष्ट हूं कि हमारी योजनाओं का क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर हो रहा है. लोग सीधे योजनाओं का लाभ ले रहे हैं. राज्य में बेरोजगारी दर भी कम है, सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के आंकड़ों के अनुसार, मई माह में छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर मात्र 0.7 प्रतिशत रही, जबकि इसी अवधि में देश में बेरोजगारी दर 7.1 प्रतिशत थी. इससे पहले मार्च, अप्रैल 2022 में भी छत्तीसगढ़ की बेरोजगारी दर देश में सबसे कम 0.6 प्रतिशत थी.


'ग्रामीणों को मिले हैं रोजगार के अवसर'


कृषि जगत और ग्रामीण रोजगार पर नजर रखने वालों का मानना है कि किसानों की कर्ज माफी और लंबित सिंचाई कर की माफी से हालात बदलने की शुरूआत हुई. इसके बाद राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, सुराजी गांव योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन किसान न्याय योजना, नयी औद्योगिक नीति, वन तथा कृषि उपजों के संग्रहण की बेहतर व्यवस्था, उपजों का स्थानीय स्तर पर प्रसंस्करण और वैल्यू एडीशन किया गया. इसके चलते ग्रामीणों को रोजगार के अवसर मिले हैं और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आया है.


किसानो के खातों में गई 90 हजार करोड़ से ज्यादा की राशि


सरकारी आंकड़े बताते हैं कि राजीव गांधी न्याय योजना के तहत किसानों के खातों में दो साल में 11 हजार 180 करोड़ से ज्यादा की राशि पहुंचाई गई है. इसी तरह राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना से साढ़े तीन लाख किसान लाभान्वित हुए हैं. इसके अलावा गोधन न्याय योजना से स्व सहायता समूहों को 226 करोड़ और गौठान समितियों को 133 करोड़ का भुगतान किया गया है. बीते तीन साल में किसानो के खातों में 90 हजार करोड़ से ज्यादा की राशि गई.


गोबर के उत्पाद हो रहे हैं तैयार 


गोधन न्याय योजना के तहत गांव-गांव में मवेशियों के डे केयर होम, जिन्हें गौठान कहते हैं, बनाए गए जा रहे हैं, जो महिलाओं के रोजगार के केंद्र बन गए हैं. यहां गोबर की भी दो रुपये किलो की दर से खरीदी हो रही है. इसके अलावा गोबर से वर्मी कंपोस्ट बनाया जा रहा है. गोबर के उत्पाद तैयार हो रहे हैं.


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