Ambikapur News: छत्तीसगढ़ के  सरगुजा जिले में स्थित संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय के द्वारा चार साल के लंबे इंतजार के बाद पीएचडी में प्रवेश परीक्षा के लिए अधिसूचना जारी कर दिया गया है. जिसके तहत 21 विषयों पर 243 सीटों के लिए दाखिला की प्रक्रिया 15 से 30 जुलाई तक चलेगी. विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. विनोद एक्का ने बताया कि पीएचडी में प्रवेश परीक्षा के लिए प्रक्रिया आरंभ की गई है. प्रवेश परीक्षा आवेदन पत्र और विषयवार शोध केंद्रों की सूची विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध करा दी गई है.


ऐसे आवेदक जो स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष, अंतिम सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल हो चुके है. वे पीएचडी प्रवेश परीक्षा के लिए आवेदन कर सकेंगे. स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष, अंतिम सेमेस्टर का परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद ही पात्रतानुसार पीएचडी पाठ्यक्रम में प्रवेश दिया जाएगा.


अंतिम बार शैक्षणिक सत्र 2018-19 में पीएचडी हुआ था
गौरतलब है कि संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय के अधीन अंतिम बार शैक्षणिक सत्र 2018-19 में पीएचडी हुआ था. इसके बाद से पीएचडी कोर्स के लिए नया प्रवेश नहीं हुआ. पिछले तीन वर्षों से भावी शोधार्थी पीएचडी में दाखिला आरंभ कराने के लिए विश्वविद्यालय का चक्कर काट रहे थे. हाल ही में विभिन्न छात्र संगठनों द्वारा विश्वविद्यालय प्रबंधन के द्वारा इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है. विश्वविद्यालय प्रबंधन का कहना है कि इस बार 21 विषयों में लगभग 243 सीटों पर दाखिला लिया जाएगा.


इस संबंध में संत गहिरा गुरु विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अशोक सिंह ने बताया कि पीएचडी कोर्स के लिए नए अकादमिक सत्र में परीक्षा के साथ तैयारी लगभग पूरी हो गई है. उन्होंने बताया कि प्रश्नपत्र भी तैयार किया जा रहा है. अभी तक राज्य सरकार द्वारा रोस्टर लंबित रखे जाने से दाखिला नहीं हो पा रहा था. अब इसका निराकरण होने के साथ ही वर्गवार रोस्टर जारी किया जा रहा है.


विषयवार रिक्त सीटों की जानकारी


हिंदी -3 ,अंग्रेजी - 1, इतिहास - 07 , राजनीति शास्त्र - 28 ,अर्थशास्त्र - 14 ,समाजशास्त्र - 07 , भूगोल - 19 ,मनोविज्ञान - 06 ,रसायन शास्त्र - 18 ,भौतिक शास्त्र - 12 ,कंप्यूटर साइंस - 05 ,गणित - 02 , वनस्पति शास्त्र - 21 , प्राणी शास्त्र - 08 , पर्यावरण विज्ञान - 06 , बायो टेक्नोलॉजी - 03 ,माइक्रो बायोलॉजी - 04 ,विधि - 03 ,वाणिज्य - 30 ,फार्म फारेस्ट्री - 11 , फॉर्मेसी - 01.


यह भी पढ़े: यहां 30 साल से कांग्रेस-बीजेपी के पास एक ही विकल्प, जानें प्रतापपुर सीट का इतिहास