Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले में ग्रामीणों ने पुलिस पर निर्दोष ग्रामीणों को नक्सली बताकर उनकी पिटाई करने का आरोप लगाया है. वहीं, गांव के युवकों को नक्सली बताकर उन्हें गिरफ्तार करने के विरोध में सैकड़ों ग्रामीणों ने इकट्ठा होकर धरना प्रदर्शन किया. दरअसल ग्रामीणों का आरोप है कि 26 नवंबर को ग्रामीण संविधान दिवस मनाने गांव में ही इकट्ठा हुए थे,


इस दौरान मौके पर पुलिस फोर्स पहुंची और कुछ लोगों को नक्सली बताकर उनकी पूरे ग्रामीणों के सामने ही पिटाई कर दी और उसके बाद फिर अपने साथ उन्हें थाने ले गई और एक कोरे कागज पर दस्तखत करवाकर  2 दिन तक उन्हें थाने में रखने के बाद छोड़ दिया गया. अब ग्रामीणों को जानकारी मिली है कि गांव के युवकों पर पुलिस ने FIR भी दर्ज की है. ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस ने युवकों पर पुलिसवालों पर धमाका करने का झूठा आरोप लगाया है और उन्हें नक्सली बताकर उन्हें फंसाने की कोशिश कर रही है


जबरन झूठे मामले में फंसा रही पुलिस 
दरअसल यह पूरा मामला नारायणपुर जिले के छोटे डोंगर का है, जहां ग्रामीणों ने बताया कि तोयामेटा गांव और बेचागांव के लोग 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाने गांव में ही मीटिंग कर रहे थे और करीब 6 से 7 गांव के ग्रामीण संविधान दिवस  मनाने बगुला पारा में इकट्ठा हुए थे. सभी यहां पारंपरिक वेशभूषा धारणकर हाथों में तीर-धनुष जैसे पारंपरिक हथियार लेकर संविधान दिवस मना रहे थे, लेकिन इसी बीच वहां पुलिस फोर्स आ पहुंची. ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस ने तुरंत इस कार्यक्रम को बंद करा दिया और कुछ लोगों की जमकर पिटाई भी की.


 संपत नाम के एक युवक ने जब इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो बनाने की कोशिश की तो जवानों ने उसे पकड़ लिया और उसके फोन से सारी वीडियो डिलीट करवा दी. इसके बाद वे संपत को साथ लेकर चले गए. ग्रामीणों ने बताया गया कि 2 दिनों तक पुलिस ने संपत को अपनी हिरासत में रखा और थाने में ही उसकी पिटाई की और फिर कोरे कागज पर हस्ताक्षर करवाकर उसे छोड़ दिया. ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस ने अगले दिन कुछ ग्रामीणों को नक्सली बताकर उनके नाम एफआईआर दर्ज कर दी और आरोप लगाया कि जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए ग्रामीणों ने उन पर आईईडी ब्लास्ट किया था.  इसके विरोध में  ग्रामीणों ने जमकर हल्ला बोला  और तोयमेटा और आसपास के सैकड़ों ग्रामीण मिलकर तोयमेटा में धरने पर बैठ गए.


मामले को लेकर क्या बोलो एएसपी


 वहीं, इस मामले को लेकर नारायणपुर के एडिशनल एसपी हेमसागर सिदार ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. छोटे डोंगर थाना से जानकारी जुटाई जा रही है. गौरतलब है कि इससे पहले भी ग्रामीण पुलिस फोर्स पर ग्रामीणों को झूठे मामले में फंसाने और उन्हें नक्सली बताकर उनकी पिटाई करने का आरोप लगा चुके हैं, वहीं इस मामले में अब तक पुलिस जांच नहीं कर पाई है.


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